आज पूरे 286 साल के बाद काशी नए अवतार मे नजर आ रही है। आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करने जा रहे हैं। 700 करोड़ की लागत से 33 महीने में तैयार हुए श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण रेवती नक्षत्र में होने जा रहा है।
राम मंदिर के लिए मुहूर्त तैयार करने वाले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने बताया कि 13 दिसंबर को रेवती नक्षत्र में दिन में 1:37 बजे से 1:57 बजे तक 20 मिनट का शुभ मुहूर्त प्राप्त हुआ है। इसी मुहूर्त में कोरिडोर का भी उद्घाटन भी होगा। वाराणसी आगमन पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि काशी पहुंचकर अभिभूत हूं। पीएम मोदी काल भैरव मंदिर पहुंच चुके हैं।
काल भैरव को काशी का कोतवाल कहा जाता है। पूजा करने के बाद प्रधानमंत्री जब बाहर निकले तो मौजूद लोगों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान हर-हर महादेव के जमकर नारे भी लगे। इसके बाद पीएम मोदी ललित घाट पर गंगा जल लेकर जल चढ़ा रहे हैं।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की खासियतों की अगर बात करें तो विश्वनाथ धाम रिकॉर्ड समय यानी 32 महीने में बनकर तैयार हुआ है। 50 हजार वर्गमीटर एरिया वाले विश्वनाथ धाम का प्रधानमंत्री ने 8 मार्च 2019 को शिलान्यास किया था। अब श्रद्धालु गंगा स्नान कर गंगा जल लेकर सीधे बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकेंगे और सब कुछ मंदिर के प्रांगण में ही होगा।
इस भव्य कॉरिडोर में छोटी-बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं।काशी को दुनिया के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है।286 साल बाद इस मंदिर को नए अवतार में दुनिया के सामने प्रस्तुत किया जा रहा है। काशी को भगवान शिव और माता पार्वती का सबसे प्रिय स्थान माना जाता है। काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है।
मुगल शासक औरंगजेब के फरमान से 1669 में आदि विश्वेश्वर के मंदिर को ध्वस्त किया था। बीते 241 सालों के इतिहास में काशी विश्वनाथ मंदिर का तीसरी बार पीएम मोदी जी द्वारा निर्माण कराया गया है। 7 तरह के पत्थरों से चमकता विश्वनाथ धाम अध्यात्म के साथ राष्ट्रवाद के केंद्र के रूप में सामने होगा। इस तरह दुनिया के सामने एक अलग ही तरह का काशी होगा।
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