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आजकल हार्ट संबंधित समस्याएं काफी कॉमन हो गई हैं। कम उम्र के लोग भी हार्ट डिसीज जैसे, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेल आदि का सामना कर रहे हैं।
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एक रिपोर्ट में सामने आया है कि यूएस के मिशिगन में एक बच्चा पैदा हुआ था, जिसका नाम मैक्स वीगेल था। उस को जन्म से ही हार्ट संबंधित 2 समस्याएं थीं। वह एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट्स (Atrial septal defect, ASD) के साथ पैदा हुआ था। एएसडी में हार्ट के ऊपरी चैंबर में छेद और हार्ट का बायां निलय फेल था।
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Mayoclinic के मुताबिक, एएसडी जन्म से ही होने वाला हार्ट से संबंधित बर्थ डिफेक्ट है। एएसडी में हार्ट चैंबर्स की दीवार में छेद होता जिससे दो चैंबर्स में मौजूद ब्लड आपस में मिल जाते है। हार्ट में बड़ा छेद होने से फेफड़े को नुकसान होता है।
एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट्स क्या है ?
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एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट्स 4 प्रकार के होते है सेकुंडम, प्रीमम, साइनस वेनोसस, कोरोनरी साइनस। यें चारों दिल के अलग -अलग हिस्से में होते है और इनमे से सेकुंडम सबसे ज्यादा कॉमन पाया जाता है।
एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट्स के प्रकार
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एसएसडी वाले शिशुओं में शुरुआती स्टेज में लक्षण नजर नहीं आते है। सांस फूलना, थकान बने रहना, पेट या पैर पर सूजन, हार्ट रेट तेज रहना जैसी चीजें हो सकती है इसके लक्षण।
एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट्स के लक्षण
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बताया जाता है कि जब जब बच्चे का हार्ट डेवलप होते समय का डिफेक्ट है, यह मेडिकल कंडिशन, दवाओं का प्रयोग, लाइफस्टाइल, धूम्रपान या शराब और जेनेटिक प्रॉब्लम भी हो सकती है।
एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट्स के कारण
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दायां हार्ट फेल, हार्ट रिदम सही न रहना, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर, फेफड़े डैमेज आदि।
एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट्स से होने वाली समस्याएं