Rahu-Ketu: ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु की दशा बताई जाती है। राहु और केतु को छाया ग्रह की श्रेणी में रखा गया है। राहु और केतु को पाप ग्रह भी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र और पौराणिक ग्रंथों के अनुसार राहु केतु एक ही राक्षस के दो भाग हैं। जिसमें सिर वाले हिस्से को राहु और धड़ वाले हिस्से को केतु कहा जाता है। और इनकी आकृति एक सांप की तरह मानी जाती हैं। ज्योतिष शास्त्र में राहु केतु के लक्षण बताए गए हैं। आप इनकी पहचान कर सकते हैं।
राहु केतु के लक्षण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब राहु केतु अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इनको समय पर समझना बहुत ही जरूरी हैं। जब राहु केतु अशुभ होते हैं तो कई तरह की परेशानियां देते हैं जैसे
- धन की हानि
- कर्ज में वृद्धि
- चीजों का खो जाना
- मानसिक तनाव
- छोटे-छोटे कामों में भी बाधा आना
- मरे हुए मोर या छिपकली को देखना
- दुश्मनों की संख्या बढ़ना
- कमजोर याददाश्त होना
- नशे की लत लग जाना
- गलत लोगों की संगत में आना
- गंभीर रोग होना
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नाग पंचमी पर करें उपाय
राहु केतु को शांत करने के लिए नाग पंचमी का दिन सबसे उत्तम बताया गया है। आज 2 अगस्त को नाग पंचमी का दिन हैं। इस दिन पंचांग के अनुसार शिव योग बना हुआ हैं। इस योग को पूजा के लिए बहुत ही शुभ माना गया है। नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की पूजा करें और चांदी का नाग जोड़ा, दूध केसर में मिलाकर नदी में प्रवाहित करें। इसके साथ ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
मेष राशि और तुला राशि में वर्तमान समय राहु और केतु की विशेष दृष्टि है। इसलिए इन राशि वालों को इन दोनों ग्रहों को शांत करने का उपाय अवश्य करना चाहिए। वर्तमान समय में मेष राशि में राहु और मंगल की युति हैं जिससे अंगारक योग बना हुआ है। वहीं तुला राशि में केतु विराजमान हैं।
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