Income Tax News: आईटीआर दाखिल करने के बाद भी करदाताओं को मन में लगातार एक टेंशन बनी हुई है कि क्या उनका रिफंड नहीं मिलेगा। जानकारी के मुताबिक लाखों करदाताओं का रिफंड अटका हुआ है। जिसके बाद कयासों का बाजार गर्म हो गया है कि आखिर रिफंड मिल क्यों नहीं रहा है। वहीं अब आयकर विभाग का तरफ से आ रहे एक मैसेज ने भी चिंता बढ़ा दी है। जानकारी के मुताबिक बीते दिन से करदाताओं को एक मैसेज आ रहा है। जिसमे लिखा गया है कि “रिफंड का दावा जोखिम प्रबंधन के अंतर्गत है, लेकिन पोर्टल पर अभी भी प्रक्रियाधीन स्थिति दिखा रहा है और कोई सूचना/ईमेल नहीं भेजा गया है”। जिसके बाद कई तरह के चर्चाएं शुरू हो गई है।
क्या करदाताओं को नहीं मिलेगा आईटीआर रिफंड
आईटीआर रिफंड को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो चुका है। बता दें आईटीआर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 15 सिंतबर 2025 थी। लगभग 3 महीने के बाद भी बड़ी संख्या में ऐसे करदाता है, जिनका रिफंड अभी तक उन्हें नहीं मिला है। जिसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। हालांकि रिफंड ना मिलने के कई कारण माने जा रहे है। जिसमे दस्तावेजों में गड़बड़ी, गलत बैंक अकाउंट नंबर, या फिर अन्य प्रकार की गड़बड़ियां शामिल हो सकती है। इसी बीच बीते दिनों से एक मैसेज तेजी से फैल रहा है। जिसमे लिखा है ति “रिफंड का दावा जोखिम प्रबंधन के अंतर्गत है”। वहीं अब करदाताओं की तरफ से लगातार आयकर विभाग को यह सवाल पूछा जा रहा है कि यह मैसेज क्यों आ रहे है।
आयकर विभाग ने दी अहम जानकारी
इनकम टैक्स इंडिया ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि “आयकर विभाग के संज्ञान में हाल ही में करदाताओं को भेजे गए उन पत्रों के संबंध में कुछ संदर्भ आए हैं, जो उनके द्वारा किए गए लेन-देन से संबंधित हैं।
करदाताओं से निवेदन है कि यह पत्र करदाताओं की सुविधा के लिए है और उन्हें आयकर विभाग के पास वर्ष के दौरान रिपोर्टिंग संस्थाओं द्वारा रिपोर्ट किए गए लेन-देन से संबंधित उपलब्ध जानकारी से अवगत कराने के लिए है। ह पत्र केवल एक परामर्श है, जो केवल उन मामलों में भेजा जाता है जहां आयकर विवरण (आईटीआर) में दी गई जानकारी और रिपोर्टिंग संस्थाओं से प्राप्त जानकारी के बीच स्पष्ट रूप से महत्वपूर्ण अंतर होता है”।
