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Anurag Dhanda: ‘अधिसूचना को तत्काल वापस लेने..,’ संचार साथी ऐप को लेकर मचे संग्राम के बीच पार्टी संयोजक को आप नेता का समर्थन, की बड़ी मांग

आप नेता Anurag Dhanda ने संचार साथी ऐप को लेकर छिड़े संग्राम के बीच पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की मांग को जायज ठहराते हुए अपना समर्थन दिया है। आप नेता की मांग है कि संचार साथी ऐप के संदर्भ में जारी अधिसूचना तत्काल रूप से वापस ली जाए।

Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Anurag Dhanda: देश के विभिन्न हिस्सों में एक खास ऐप को लेकर संग्राम छिड़ा है जिससे सियासी हलचल भी तेज हो गई है। यहां बात संचार साथी ऐप के संदर्भ में हो रही है जिसे मोबाइल फोन में इंस्टॉल करने की बात सामने आई है। आम आदमी पार्टी के साथ विपक्ष के तमाम दल इसे मुद्दा बनाकर केन्द्र को निशाने पर ले रहे हैं। इसी क्रम में अरविंद केजरीवाल ने भी आवाज उठाई है जिसे अनुराग ढ़ांडा का समर्थन मिला है। अनुराग ढ़ांडा ने पार्टी संयोजक की प्रतिक्रिया को साझा करते हुए उनके मांग को अपना समर्थन दिया है। आप नेता तत्काल रूप से संचार साथी ऐप के संदर्भ में जारी अधिसूचना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को Anurag Dhanda का समर्थन

दिल्ली से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में संचार साथी ऐप के संदर्भ में जारी चर्चा के बीच अरविंद केजरीवाल का की प्रतिक्रिया सामने आई है।

आप नेता अनुराग ढ़ांडा ने इसे रिपोस्ट करते हुए पार्टी संयोजक को अपना समर्थन दिया है। अरविंद केजरीवाल के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “सरकार द्वारा सभी मोबाइल निर्माताओं को सभी नए और मौजूदा फ़ोनों में संचार साथी ऐप इंस्टॉल करने का आदेश व्यक्तिगत निजता और स्वतंत्रता पर हमला है। दुनिया के किसी भी लोकतंत्र ने ऐसा करने का प्रयास नहीं किया है। इस अधिसूचना में ऐप इंस्टॉल करने के लिए व्यक्तिगत सहमति लेने या इसे किसी भी समय हटाने का विकल्प देने का कोई उल्लेख नहीं है। आप ऐसी घोर तानाशाही कार्रवाई की निंदा करती है और अधिसूचना को तत्काल वापस लेने की मांग करती है।”

अरविंद केजरीवाल के इस पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए अनुराग ढ़ांडा ने संचार साथी ऐप के संदर्भ में उठ रही आवाज को आगे बढ़ाते हुए अधिसूचना वापस लेने की मांग की है।

संचार साथी ऐप को लेकर मचा संग्राम!

देश के विभिन्न हिस्सों में संचार साथी ऐप को लेकर संग्राम छिड़ा है। आलम ये है कि विपक्ष के तमाम सियासी दल इसे मुद्दा बनाते हुए केन्द्र सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगा रहे हैं। विपक्ष का तर्क है कि इस ऐप के जरिए जनता के निजता से जुड़े अधिकारों का हनन होगा। इसके अलावा भी विपक्ष कई पहलुओं का जिक्र कर केन्द्र को निशाने पर ले रहा है। इसी बीच कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्टीकरण जारी कर बताया है कि यूजर्स अपने फोन से इस ऐप को डिलीट भी कर सकेंगे। अब देखना दिलचस्प होगा कि संचार साथी ऐप को लेकर मचा हो-हल्ला कहां तक पहुंचता है।

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