भारत को आजाद हुए 74 साल हो चुके हैं। बीते सालों में बहुत कुछ बदल चुका है। देश के विकास के लिए नई परियोजना से लेकर सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य के काम पर जोर दिया जा रहा है लेकिन आज भी कई ऐसे गांव हैं जो 74 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं से अछूते हैं। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के टोंक गांव की जहां आजादी से लेकर आज तक बस सेवा नहीं शुरू की गई। अब 74 साल बाद सरकार ने टोंक सहित राजस्थान के 19 गांवों में बस सेवा चलाने का फैसला लिया है। पहली बार राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से बसों का संचालन किया जाएगा।
38 सीट वाली बस का होगा संचालन
राजस्थान के सीएम ने बजट की घोषणा की थी जिसके मुताबिक प्रदेश सहित टोंक जिले में भी 19 सड़कों पर ग्रामीण परिवहन बस सेवा शुरू की जाएगी जिसके लिए रोडवेज की बोर्ड बैठक में निर्णय लेकर निगम मुख्यालय की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है। सरकार ने फैसला लिया है कि इन मार्गों पर 32 सीट वाली बस सेवा को शुरू किया जाएगा। जिसके लिए स्टाफ लेकर बसों का इंतजाम किया जा रहा है। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम पहले पीपीपी मोड़ पर बस संचालन का काम करेगा लेकिन अगर पीपीपी मोड़ नहीं होता है तो बोर्ड अपने स्तर से बसों का संचालन करेगा। बस संचालन के लिए एक रोडमैप भी तैयार किया गया है जिसमें तहत बोर्ड ने सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें मार्ग की व्यवस्था और सुविधा को देखते हुए रोज 38 बस(आना-जाना),214 ट्रिप में 9842 किलोमीटर प्रतिदिन का सफर तय करेगी।
इस मार्गों पर चलेंगी बसें
सरकार ने टोंक -ताखोली, बनेठा-मोहम्मदगढ़, टोंक-मण्डावरा-पालड़ा,टोंक-देवपुरा-प्यावडी, निवाई पंचायत के डांगरथल-चतुर्भुजपुर, दत्तवास-रजवास, दत्तवास-बस्सी,टोंक पीपलू पंचायत समिति के टोंक-अरनिया केदार-झिरानामालपुरा पंचायत के मालपुरा-सोडाबावड़ी, देशमा-आटोली, कुराड-मालखपुर, उनियारा पंचायत के उनियारा-आमली व टोडारायसिंह पंचायत के टोडारासिंह-मोरभाटियान, देवली पंचायत के देवली-बडोली, देवली- हिसामपुर, बीसलपुर-लक्ष्मीपुरा, देवली -बीसलपुर, गोठड़ा-देवली जैसे मार्गों पर बसें चलाई जाएंगी। बस संचालन की खबर से गांव के लोग भी खुश हैं। पहले उन्हें बस लेने के लिए काफी दूर तक जाना पड़ता था।
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