राज्यसभा सांसद अमर सिंह का सिंगापुर में शनिवार शाम निधन हो गया। 64 साल के अमर सिंह के दोनों गुर्दे और आंत खराब थी। कारोबारी अमर सिंह के बारे में कहा जाता है कि उनके संबंध सभी पार्टियों से थे जिसके कारण वे संकटमोचक के तौर पर जाने जाते थे। अमर सिंह खास तौर पर यूपी की राजनीति के केंद्र में बने रहे। लेकिन उनका व्यक्तित्व ऐसा था कि वे राजनीति में हमेशा विवादों से घिरे रहे लेकिन उनकी अपरिहार्यता कभी कम नहीं हुई। अमर सिंह के विवादों की बात करें तो, यूपीए सरकार के पक्ष में वोट देने के लिए तीन बीजेपी सांसदों को कथित तौर पर रिश्वत की पेशकश करने का मामला प्रमुख है। उनके खिलाफ एक ऑडियो टेप भी आया था जिसमें दावा किया गया था कि उसमें अमर सिंह की आवाज है। अमर सिंह एक समय बॉलीवुड के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन के भी खास सहयोगी रहे लेकिन वक्त के साथ उनके संबंधों में दूरी आती गई। ऐसा भी कहा जाता है कि, अमर सिंह और आजम खान की अभी आपस में बनती ही नहीं थी ।
बचपन परिवार के खास से विवाद तक
अमर सिंह बॉलीवुड के स्टार कलाकारों के साथ उठते बैठते थे। देश के कारोबारियों के साथ नज़र आते थे। अमर सिंह कभी बच्चन परिवार के बड़े अज़ीज़ हुआ करते थे। जया बच्चन को समजवादी पार्टी में लाने का काम भी अमर सिंह ने ही किया, लेकिन समय के साथ बच्चन परिवार और अमर सिंह के रिश्तों में दरार अा गई। ये वाकया 2010 का है, जब अमर सिंह को सपा से बाहर कर दिया गया। तब अमर सिंह ने जया बच्चन को भी पार्टी छोड़ने के लिए कहा। जया राजी नहीं हुईं। यहीं से रिश्तों में दरार आनी शुरू हुई। यह भी कहा जाता है कि अनिल अंबानी की पार्टी में अमर सिंह का जया बच्चन से किसी बात पर विवाद हुआ था, जिसके बाद से दोनों के बीच ज्यादा दूरियां बन गई थी। अमर सिंह ने बच्चन परिवार पर कई हमले किए। अमर सिंह ने एक बार कहा था कि अमिताभ बच्चन को पद्म विभूषण दिया जाना दिलीप कुमार का अपमान है। एक म्यूजिक एल्बम की लॉन्चिंग पर अमर सिंह ने कहा था कि अमिताभ बच्चन एक ऐसे एक्टर हैं जो कई क्रिमिनल केसों में लिप्त हैं। यही नहीं, पनामा पेपर्स विवाद में भी उनका नाम आ चुका है। साल 2016 में देश में बीफ पर विवाद छिड़ा तो अमर सिंह ने जया बच्चन पर विवादित बयान दे डाला। अमर सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि कौन क्या पहनता है, क्या खाता है, इस बात पर झगड़ा और हत्या नहीं होनी चाहिए। एक प्रतिनिधिमंडल ग्लासगो गया था, उसमें जया बच्चन भी थीं। वहां सभी लोगों ने गाय और सूअर, दोनों का मांस खाया था। हालांकि निधन से कुछ महीने पहले अमर सिंह ने अमिताभ बच्चन से माफी भी मांगी थी। उन्होंने कहा था, 10 साल बीत जाने के बाद भी अमिताभ बच्चन की निरंतरता में कोई बाधा नहीं आयी है और वह लगातार, अनेक अवसरों पर, चाहे मेरा जन्मदिन हो या पिताजी की बरसी हो, हर दिन को याद करके अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहे हैं। तो मुझे भी लगता है कि मैंने भी अनावश्यक रूप से ज्यादा उग्रता दिखायी। तो अमर सिंह के निधन पर अमिताभ बच्चन ने भी ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है । अमिताभ बच्चन ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की है। हालांकि उन्होंने इसके साथ कुछ लिखा नहीं है। उनके फोटो शेयर करने के बाद से कमेंट में यूजर्स कह रहे हैं कि अमिताभ को इस पर कुछ बोलना चाहिए। जिसके बाद अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग पर अमर सिंह के बारे में लिखा- शोक ग्रस्त , मस्तिष्क झुका , प्रार्थनाएँ केवल रहीं, निकट प्राण , सम्बंध निकट , वो आत्मा नहीं रही !
आजम खान से बनती ही नहीं थी
सपा में रहते हुए भी अमर सिंह और आजम खान के रिश्तों में खटास हमेशा सामने आती रही। सपा से छुट्टी होने के बाद कई बार अमर सिंह ने आजम पर कई जुबानी हमले बोले, अभी कुछ साल पहले आजम खान के एक बयान की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा कि आजम खान पर ईश-निंदा का केस चलना चाहिए। उन्हें जेल में रखना चाहिए। पता नहीं क्यों ये देश उन्हें बर्दाश्त कर रहा है।
मुलायम के करीबी…पार्टी से बाहर
90 के दशक के आखिर में अमर सिंह की तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम से करीबी बढ़ी। साल 1996 के आसपास वो समाजवादी पार्टी में शामिल हुए और जल्दी ही मुलायम सिंह के दाहिने हाथ बन गए। उन्हें पार्टी का महासचिव बना दिया गया। यहां तक कि मुलायम यादव सभी काम अमर सिंह से पूछकर करने लगे। हालांकि समय के साथ सब बदलता गया और 2010 में अमर सिंह को पार्टी (राष्ट्रीय लोक मंच) से निकाल दिया गया। 2012 में अमर सिंह ने खुद की पार्टी बना ली। 6 साल बाद 2016 में अमर सिंह समाजवादी पार्टी में फिर लौटे और राज्यसभा के लिए चुने गये। लेकिन एक साल बाद बाद ही समाजवादी पार्टी में सब बदल गया। अखिलेश यादव पार्टी के सुप्रीमो बन गए। अमर सिंह फिर किनारे हो गए। इस दौरान अमर सिंह पर परिवारों को तोड़ने का भी आरोप लगा।