Home ख़ास खबरें BR Gavai: ‘ये बातें मुझे प्रभावित नहीं करतीं’ सुप्रीम कोर्ट में वकील...

BR Gavai: ‘ये बातें मुझे प्रभावित नहीं करतीं’ सुप्रीम कोर्ट में वकील के हमले की कोशिश के बाद सीजेआई की सामने आई पहली प्रतिक्रिया; जानें पूरी खबर

BR Gavai: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हैरान करने वाली घटना घटी। सीजेआई भूषण रामकृष्ण गवई पर एक वकील ने हमले की कोशिश की। इसके बाद उस वकील को अदालत से बाहर कर दिया गया।

BR Gavai
BR Gavai, Photo Credit: Google

BR Gavai: देश की शीर्ष अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक हैरान करने वाली घटना घटी। सुनवाई के दौरान देश के सीजेआई यानी मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई मतलब भूषण रामकृष्ण गवई पर एक वकील ने हमला करने की कोशिश की। ‘Bar and Bench’ एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में यह वाकया उस समय हुआ, जब सीजेआई की अगुवाई में एक पीठ वकीलों द्वारा मामलों की सुनवाई कर रही थी। रिपोर्ट के अनुसार, सीजेआई बीआर गवई पर हमला करने वाला वकील मंच के पास गया और अपना जूता निकालकर जज पर फेंकने की कोशिश की।

सुप्रीम कोर्ट में वकील ने सीजेआई BR Gavai पर की हमले की कोशिश

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई पर हमले की कोशिश करने वाले वकील को अदालत में उपस्थित सुरक्षाकर्मियों ने पकड़कर बाहर कर दिया। हालांकि, अदालत से बाहर निकलने से पहले वकील ने कहा, ‘सनातन का अपमान नहीं सहेंगे।’ रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में इतनी बड़ी घटना होने के बाद सीजेआई ने किसी तरह का कोई रिएक्शन नहीं दिया और अदालत में मौजूद वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने को कहा। सीजेआई ने कहा, ‘इस सब से विचलित न हों। हम विचलित नहीं हैं, ये बातें मुझे प्रभावित नहीं करतीं।’

आखिर वकील ने क्यों की बीआर गवई पर हमले की कोशिश?

रिपोर्ट में बताया गया है कि सीजेआई बीआर गवई पर होने वाले हमले की पीछे की वजह संभवता खजुराहो में भगवान विष्णु की सात फुट ऊंची सिर कटी मूर्ति की पुनर्स्थापना से जुड़े एक पिछला मामला हो सकता है। सीजेआई ने उस केस को खारिज करते हुए कहा था, ‘जाओ और भगवान से ही कुछ करने के लिए कहो। तुम कहते हो कि तुम भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो। तो अब जाओ और प्रार्थना करो। यह एक पुरातात्विक स्थल है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को अनुमति वगैरह देनी होगी।’

गौरतलब है कि सीजेआई के इस बयान ने इंटरनेट पर काफी तूफान मचाया था। काफी लोगों ने मुख्य न्यायाधीश के इस बयान को निंदनीय बताया था। साथ ही लोगों की धार्मिक भावनाओं का अनादर करार दिया था।

Exit mobile version