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Delhi Election Result को लेकर भानुमति के कुनबे सा बिखरा विपक्ष! Congress पर फूटा नेताओं का गुस्सा, क्या फिर एकजुट हो पाएंगे दल?

Delhi Election Result सामने आने के बाद विपक्ष भानुमति के कुनबे सा बिखरा नजर आ रहा है। विपक्षी दलों के तमाम नेता Congress और AAP पर भीर-भरकर गुस्सा निकाल रहे हैं। राजधानी में बदले समीकरण के बाद सवाल है कि क्या फिर विपक्षी दल एकजुट हो पाएंगे?

Delhi Election Result
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Delhi Election Result: जीते कोई और, कसीदे गढ़े जाए किसी अन्य के, हारे कोई और, फजीहत हो किसी दूसरे की। ये पंक्ति फिलहाल दिल्ली के चुनावी मौसम व माहौल को चरितार्थ कर रही है। दिल्ली इलेक्शन रिजल्ट सामने आने के बाद विपक्ष भानुमति के कुनबे का बिखरता नजर आ रहा है। उमर अब्दुल्ला, संजय राउत, सीपीआई से डी राजा समेत कुछ अन्य नेता Congress पर जमकर गुस्सा निकाल रहे हैं। Delhi Election Result बीजेपी के लिए जहां बड़ी राहत लेकर आई है, तो वहीं आप, कांग्रेस और अनय विपक्षी दलों के लिए ये परिणाम चिंता का सबब है। सवाल है कि आपसी सिर फुटव्वल को छोड़ क्या INDIA Alliance में शामिल हुए दल एक हो सकते हैं?

Delhi Election Result सामने आते ही Congress पर फूटा नेताओं का गुस्सा!

इंडिया अलायंस की सहयोगी शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत ने दिल्ली इलेक्शन रिजल्ट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। संजय राउत का कहना है कि “अगर कांग्रेस और आप साथ होते तो नतीजे अलग हो सकते थे। आप और कांग्रेस की राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बीजेपी है। दोनों ने बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन वे अलग-अलग लड़े। अगर वे एक साथ होते तो पहले घंटे (मतगणना के) में बीजेपी की हार निश्चित हो गई होती।”

सीपीआई नेता डी राजा ने Delhi Election Result को लेकर अपना पक्ष रखा है। उनका कहना है कि “यह धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक पार्टियों, इंडिया ब्लॉक पार्टियों के बीच फूट के कारण है। कांग्रेस पार्टी को आने वाले दिनों में इंडिया ब्लॉक को कैसे मजबूत किया जाए इस पर गंभीर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।”

उमर अब्दुल्ला ने बेहद कम शब्दों में ही Delhi Election Result को लेकर जोरदार तंज कसा है। उनके एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है “और लड़ो आपस में।”

क्या फिर एकजुट हो पाएगा INDIA Alliance?

राजनीति संभावनाओं का खेल है। ऐसे में यहां कुछ भी स्थायी नहीं है। समीकरण के लिहाज से राजनीतिक दलों की प्रतिबद्धता बदलती रहती है। दिल्ली में आप, कांग्रेस के लिए प्रतिद्वंदी की तरह थी, इसीलिए राष्ट्रीय स्तर पर साथ रहने के बावजूद दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा। ऐसे ही पंजाब, बंगाल में भी मंजर देखे जा चुके हैं। हालांकि, फिर भी विपक्षी दलों का एक मात्र लक्ष्य बीजेपी को चुनाव हराना है। ऐसे में संभव है कि INDIA Alliance के नेता निकट भविष्य में फिर मंच सांझा करते और चुनावी समीकरम बनाते नजर आएं।

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