Red Fort Blast: राजधानी में हुए धमाका को लगभग 48 घंटे हो गए हैं। इस दौरान तमाम तरह की खबरें सामने आईं जिसमें लाल किला के निकट हुए ब्लास्ट को लेकर तरह-तरह का दावा किया गया। अंतत: तय हुआ कि रेड फोर्ड ब्लास्ट की जांच एनआईए करेगा जो प्रथम दृष्टया आतंकी कनेक्शन की ओर इशारा करता है। अब इस पूरे मामले के तार जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ते नजर आ रहे हैं।
संदिग्ध महिला डॉक्टर शाहीन की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली धमाके के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इसका प्रमुख कारण है डॉ शाहीन का किरदार जिसके जुड़ाव सादिया अजहर से होने की बात सामने आई है। इस पूरे मामले में अब नजरें जांच पर टिकी हैं ताकि उलझती कड़ी स्पष्ट हो सके और पुख्ता रूप से दिल्ली में हुए धमाके का कारण पता चल सके।
जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े Red Fort Blast के तार!
इस दावे को लेकर कई तरह के तर्क पेश किए जा रहे हैं। दरअसल, डॉक्टर आदिल अहमद और मुजम्मिल के बाद डॉक्टर शाहीन की गिरफ्तारी की संभावनाओं की ओर इशारा कर रही है। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में महिला डॉक्टर शाहीन का जुड़ाव सादिया अजहर से होने का दावा किया गया है।
सादिया अजहर आतंकी मसूद अजहर की बहन और यूसुफ अजहर की पत्नी है। दावा किया जा रहा है कि डॉ शाहीन के तार सादिया से जुड़े थे जो जैश-ए-मोहम्मद की एक अहम कड़ी है। यही वजह है कि दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 पर हुए धमाके के तार जैश-ए-मोहम्मद से जोड़े जा रहे हैं। हालांकि, अभी जांच का दौर जारी है और पुख्ता रूप से कुछ स्पष्ट नहीं हो सका है।
संदिग्ध महिला डॉक्टर की गिरफ्तारी ने उलझाया मामला!
राजधानी में हुए बम धमाके की जांच अब एनआईए के हाथों में है। दिल्ली पुलिस भी इस मामले को लेकर गंभीरता से कार्रवाई में जुटी है। इससे इतर जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और यूपी पुलिस भी अपने-अपने कार्यक्षेत्र में कार्रवाई को रफ्तार देकर रेड फोर्ट ब्लास्ट की साजिश का पर्दाफाश करने में जुटे हैं। इसी बीच फिदायीन आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ होना और महिला डॉ शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी कई आशंकाओं की ओर इशारा करती है।
महिला डॉक्टर की कार से एक AK-47 राइफल का बरामद होना उसकी अवैध गतिविधियों पर मुहर लगाया है। साथ ही पूरे मॉड्यूल से 2900 किलोग्राम विस्फोटक व अन्य उपकरणों का मिलना दिल्ली ब्लास्ट केस को उलझा हुआ बना रहा है। हालांकि, एनआईए ने जांच की बागडोर अपने हाथों में ले ली है। अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी पूरी तत्परता के साथ रेड फोर्ट ब्लास्ट केस की जांच में जुटी हैं। ऐसे में नजरें अब जांच पर टिकी हैं, ताकि रिपोर्ट आते ही दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
