केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून के खिलाफ किसान लामबंद हो गए हैं। अभी बीते ही दिन हुए हरियाणा के करनाल में किसानों और प्रशासन में झड़प के बाद किसान और सरकार के बीच एक बार फिर ठन गई है। किसानों की मांग मानने से सरकार ने और प्रशासन ने साफ इंकार कर दिया है जिसके बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में हजारों किसान सचिवालय के पास धरने पर बैठ गए हैं।
बता दें के करनाल में बुधवार को किसान संगठनों और प्रशासन के बीच दोपहर 2:00 बजे फिर बातचीत हुई लेकिन बातचीत एक बार फिर विफल रही है। किसानों ने लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है। हालांकि, करनाल से इतर जींद में बुधवार सुबह किसानों ने हाइवे को खोल दिया। जींद-चंडीगढ़, जींद-करनाल, जींद-दिल्ली हाइवे को किसानों द्वारा खोल दिया गया है, पहले यहां जाम लगाया गया था। किसानों का कहना है कि अगर करनाल से कोई आदेश आता है, तो वह फिर रास्ते जाम कर देंगे। अभी के लिए ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है।
आपको बता दें कि करनाल में अगस्त के आखिरी दिनों में हुए लाठीचार्ज के खिलाफ किसानों ने बुधवार को प्रदर्शन किया किसानों की मांग थी कि लाठीचार्ज में मारे गए किसान के बेटे को सरकारी नौकरी मिले परिवार को मुआवजा मिले साथ ही एसडीएम पर हत्या का केस चलाया जाए लेकिन सरकार ने इसे मानने से इनकार कर दिया है। करनाल के सचिवालय के बाहर किसानों ने तभी धरना देना शुरू कर दिया। राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत अन्य बड़े किसान नेता धरना प्रदर्शन में शामिल हुए।
बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन एक साल से जारी है, लेकिन सरकार-किसानों में कोई बात नहीं बन पाई है।
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