केंद्र सरकार की तरफ से जल्दी वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने को लेकर फैसला लिया जा सकता है यह जानकारी मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने दी है उन्होंने जानकारी देते हुए कहा है कि इलेक्टोरल रोल के बारे में जल्द ही नियम जारी हो सकता है। उन्होंने कहा है कि यह मतदाताओं के आधार की जानकारी साझा करना अनिवार्य नहीं होगा। लेकिन जो शेयर नहीं करते हैं उन्हें इसकी वाजिब वजह देनी होगी।
बता दें कि सुशील चंद्रा का कार्यकाल शनिवार 14 मई को खत्म हो रहा है। उनकी जगह राजीव कुमार देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे। इलेक्टोरल रोल को आधार से जोड़ने के बारे में सरकार कब नियम जारी करेगी, इस सवाल का जवाब देते हुए सुशील चंद्रा ने कहा कि जल्द ही अधिसूचना जारी होगी। क्योंकि इस बारे में प्रस्ताव भेजा जा चुका है।हमने फॉर्म भी भेज दिया है जो कि कानून मंत्रालय के पास है। मुझे लगता है कि जल्द ही उन्हें मंजूरी मिल जाएगी।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में टीकाकरण अभियान को तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां इस साल मार्च में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए थे। जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदाता और चुनाव ड्यूटी में शामिल लोग कोरोना वायरस से सुरक्षित है।
उन्होंने इलेक्टोरल रोल्स का आधार कार्ड से जोड़ने को भी हम सुधार बताया। उन्होंने कहा कि पहले एक वोटर का नाम कई जगह पर दर्ज हो जाता था। लेकिन आधार से जोड़ने के बाद यह नहीं हो सकेगा। जब चंद्रा से पूछा गया कि आधार की जानकारी साझा करना मर्जी होगी या नहीं तो उन्होंने कहा यह अपनी मर्जी पर होगा, लेकिन मतदाताओं को आधार नंबर ना देने के लिए पर्याप्त कारण बताना होगा। जैसे यह हो सकता है किसी के पास आधार ना हो या फिर उसने आधार के लिए आवेदन ना किया हो।
सुशील चंद्रा का मानना है कि आधार से जुड़े जाने के बाद मतदाता सूची और ज्यादा साफ हो सकेगी। इसके साथ ही चुनाव आयोग वोटर को और अधिक सेवाएं भी देने में सक्षम होगा। जैसे कि मतदाताओं के फोन नंबर पर चुनाव की तारीख और उनके बूथ की जानकारी उपलब्ध कराना।
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