अमेरिकी संस्था की एक स्टडी रिपोर्ट में बताता गया है कि भारत में जनवरी 2020 से लेकर जून 2021 तक यानी पिछले 17 महीनों में कोरोना से करीब 50 लाख लोगों की मौतें हो चुकी हैं। इस स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना से बने हालात भारत की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी है। स्टडी में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को लेकर कहा गया है कि दुनिया के लिए डेल्टा वैरिएंट खतरनाक है। इस स्टडी रिपोर्ट में आशंका जताते हुए कहा गया है कि डेल्टा वैरिएंट संक्रमण की नई लहर ला सकता है।
डीबी न्यूज वेबसाइट पर प्रकाशित एक न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक वॉशिंगटन के सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट ने इस स्टडी के लिए सीरोलॉजिकल स्टडी, हाउस होल्ड सर्वे, स्टेट लेवल पर सिविक बॉडीज से मिले ऑफिशियल डेटा और अंतरराष्ट्रीय आकलन को अपना आधार बनाते हुए किया है। बता दें, मंगलवार को इस स्टडी रिपोर्ट को जारी किया गया। इस स्टडी रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में मौतों की संख्या सरकारी डेटा (4.18 लाख) के मुकाबले कई गुना ज्यादा है। इस स्टडी रिपोर्ट में भारत में मौतों के तीन अनुमान बताए गए हैं।
मौतों के तीन अनुमान
पहला अनुमान : मौतों की सबसे कम संख्या वाले अनुमान में भी यह संख्या 34 लाख है। इसे 7 राज्यों से लिए गए रजिस्ट्रेशन के आधार पर तैयार किया गया है।
दूसरा अनुमान : दूसरे केल्कुलेशन में ऐज स्पेसिफिक इन्फेक्शन फैटेलिटी रेट के अंतरराष्ट्रीय अनुमान को लागू किया गया है। इसके मुताबिक, मौतों की संख्या 40 लाख के आसपास है।
तीसरा अनुमान : कंज्यूमर पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे के आधार पर है। इसमें 49 लाख मौतों की बात कही गई है।
भारत सरकार में पूर्व चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर रहे अरविंद सुब्रमण्यम, अभिषेक आनंद और जस्टिन सेंडेफर के द्वारा लिखी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है,डेटा पर आधारित अनुमानों को समझना और उनसे जुड़ना जरूरी है। इसे अभी नहीं बल्कि भविष्य के लिए भी काउंट किया जाएगा। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सर्वे और अनुमान के भरोसे कोरोना से हुई मौतों की संख्या बताना गलत भी हो सकता है।