Karnataka Politics: कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की मांग के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बेंगलुरु में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। बैठक के बाद,सीएम सिद्धारमैया के द्वारा मीडिया से बातचीत की गई है। जिसमें कहा गया कि चर्चा पार्टी संगठन, लोकल बॉडी चुनाव और आने वाले जिला और तालुक पंचायत चुनावों पर केंद्रित थी। इन सबके बीच, सिद्धारमैया की बातों ने कर्नाटक से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है। उन्होंने कहा, “कैबिनेट के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई। लीडरशिप में बदलाव सिर्फ अटकलें और मीडिया की मनगढ़ंत बातें हैं। आगे हाईकमान जो भी कहेगा वह हम मानेंगे।”
खड़गे ने सीएम सिद्धारमैया को दिल्ली बुलाया? – Karnataka Politics
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को दिल्ली तलब किया है। बैठक में कर्नाटक की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर विस्तार से चर्चा होने की बातें सामने आई है। मालूम हो कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होने के साथ ही, प्रदेश में संभावित नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर पार्टी के भीतर अटकलों का बाजार गर्म है।
हाल ही में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा है कि ”मुख्यमंत्री ने कैबिनेट में फेरबदल करने का फैसला किया है, इसलिए मंत्री बनने के इच्छुक विधायकों के लिए दिल्ली जाना और वहां के नेताओं के साथ बैठक करना स्वाभाविक है।” बता दें कि सीएम सिद्धारमैया ने हाल में ही कहा कि वह न केवल अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे, बल्कि भविष्य में कर्नाटक का बजट भी पेश करेंगे। हालांकि, शिवकुमार सीएम बनने को लेकर कई बार कह चुके है सिद्धारमैया पूरे पांच साल सीएम रहेंगे।
कर्नाटक में मचे सियासी बवाल के बीच डीके शिवकुमार का रिएक्शन
आपको बता दें कि 20 मई 2023 को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सीएम पद के लिए सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला था। कांग्रेस शिवकुमार को मनाने में कामयाब रही और उन्हें उपमुख्यमंत्री बना दिया। इसके बाद से अब तक कर्नाटक की राजनीति में सत्ता संतुलन को लेकर उठापटक से जुड़ी चर्चे उठते रहे हैं। माना जाता है कि कांग्रेस सरकार बनने के समय आलाकमान के बीच नेतृत्व परिवर्तन का एक अनौपचारिक फॉर्मूला तय हुआ था, जिसके तहत आधे कार्यकाल के बाद पावर शिफ्ट पर विचार होना तय था।
हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार इसे सिरे से नकार चुके हैं और सार्वजनिक रूप से यह कहते रहे हैं कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार स्थिर है और किसी तरह की खींचतान नहीं है। इस पूरे मामले को लेकर अब एनडीए कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, एक खुफिया रिपोर्ट से संकेत मिला है कि कर्नाटक में चल रहा राजनीतिक गतिरोध सिद्धारमैया सरकार और कांग्रेस पार्टी दोनों की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है।
