MP News: मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों से लेकर गांव-मोहल्लों तक श्योपुर जिले की चर्चा जोरों पर है। इसका प्रमुख कारण है मिड-डे मील से जुड़ी एक तस्वीर जो मध्य प्रदेश की सीमा लांघकर देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में प्रसारित हो चुकी है। माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को रद्दी पेपर पर मिड-डे मील परोसना विभाग में हड़कंप मचने का कारण बन गया है।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मध्य प्रदेश में सियासी हो-हल्ला भी मचा है जिसके बीच कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू है। खबरों की मानें तो स्थानीय जिला कलेक्टर अर्पित वर्मा ने मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई को रफ्तार दे दी है। एसडीएम मामले की जांच शुरू कर चुके हैं जिसके आधार पर भोजन परोसने वाली स्वयं सहायता समूह को तुरंत हटा दिया गया है। इससे इतर कार्रवाई का दौर जारी है और दोषी पाए जाने वालों पर आगे सख्त कार्रवाई का आश्वासन मिला है।
रद्दी अखबार पर मिड-डे मील परोसने वालों के खिलाफ कार्रवाई – MP News
सरकारी स्कूल में रद्दी अखबार पर मिड-डे मील परोसने से जुड़ा मुद्दा तुल पकड़ता नजर आ रहा है। इस मामले का संज्ञान श्योपुर जिला कलेक्टर ने लिया है। जिला कलेक्टर ने मामले की जांच एसडीएम को सौंपी जिसके बाद आनन-फानन में भोजन परोसने वाली स्वयं सहायता समूह को हटा दिया गया। ये पूरा मामला मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के विजयपुर ब्लॉक में स्थित हुल्लपुर गांव के एक माध्यमिक विद्यालय का है।
विभाग की ओर से मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल प्रिंसिपल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। शासन के निर्देश पर कार्यरत प्रशासनक की ओर से स्पष्ट किया गया है कि ऐसा कृत्य किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सियासी हो-हल्ला के बीच जारी हुए जांच के आदेश
सुर्खियों में छाए इस मामले को लेकर हो-हल्ला का दौर जारी है। राहुल गांधी ने भी रद्दी पेपर पर मिड-डे मील खिलाने वाली घटना का जिक्र करते हुए मध्य प्रदेश सरकार को घेरा है।
राहुल गांधी के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “आज मध्य प्रदेश जा रहा हूं और जब से ये खबर देखी है कि वहां बच्चों को मिड-डे मील अख़बार पर परोसा जा रहा है, दिल टूट सा गया है। ये वही मासूम बच्चे हैं जिनके सपनों पर देश का भविष्य टिका है, और उन्हें इज़्ज़त की थाली तक नसीब नहीं। 20 साल से ज्यादा की BJP सरकार, और बच्चों की थाली तक चुरा ली गई – इनका ‘विकास’ बस छलावा है, सरकार में आने का असली राज़ तो ‘व्यवस्था’ है। शर्म आनी चाहिए ऐसे मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को जो देश के बच्चों, भारत के भविष्य का इस दुर्दशा से पालन-पोषण कर रहे हैं।”
इससे इतर भी तमाम अन्य नेता हैं जो श्योपुर जिले की इस घटना का जिक्र करते हुए मध्य प्रदेश सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं। इस सियासी हो-हल्ला के बीच जांच के आदेश जारी हो चुके हैं और दोषियों पर कार्रवाई शुरू है।
