नागालैंड में 14 नागरिकों और एक जवान के शहीद होने का मामला लगातार गर्माता जा रहा है। जिसके कारण इस मामले की जांच की जा रही है। नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की गोलीबारी में कम से कम 13 आम लोगों की मौत हो गई और एक सैनिक शहीद हुआ है। इन मौत पर विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है। सेना ने घटना की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का आदेश दिया है।
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क्या है पूरा मामला?
सेना ने बताया कि इस दौरान एक सैन्यकर्मी शहीद हुआ है और कई अन्य सैनिक घायल हो गए। नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने का वादा किया और समाज के सभी वर्गों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होंने मारे गए 14 लोगों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये देने का एलान किया है। जिसके बाद भारतीय सेना ने एक मेजर जनरल-रैंक के अधिकारी के तहत नागालैंड हिंसा की जांच की जाएगी। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और आरजेडी के सांसद मनोज झा ने संसद में चर्चा की मांग की है।
अमित शाह का बड़ा बयान
आज अमित शाह ने इस मामले पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि, मारे गए लोगों के लिए वह बेहद दुखी हैं और उनके प्रति उनकी संवेदनाएं हैं। उन्होंने कहा कि एसआईटी का गठन किया गया है, जिसे एक महीने में जांच पूरी करने का समय दिया गया है। जांच उच्चतम स्तर पर की जा रही है। कार्रवाई भी की जाएगी। मैंने नगालैंड के गवर्नर और सीएम से बात की। इस घटना से पूरे नागालैंड मे सनसनी मची हुई है।
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