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‘Mohan Bhagwat नहीं, साधु-संत..,’ मंदिर-मस्जिद वाले बयान पर जगद्गुरु Rambhadracharya की तीखी प्रतिक्रिया; RSS चीफ को दी नसीहत

Mohan Bhagwat: जगद्गुरु रामभद्राचार्य (Guru Rambhadracharya) ने संघ प्रमुख द्वारा मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर दिए बयान पर अपनी तीखी प्रतीक्रिया दी है। उन्होंने मोहन भागवत को नसीहत देते हुए कहा है कि हिंदू धर्म की व्यवस्थाओं के लिए साधु-संत और आचार्य हैं। हम उनकी बात क्यों सुने।

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Mohan Bhagwat
जगद्गुरु रामभद्राचार्य और RSS प्रमुख मोहन भागवत (सांकेतिक तस्वीर)

Mohan Bhagwat: हिंदू धर्म के नेता और हिंदू धर्म के लिए जिम्मेदार कौन? ये सवाल राजनीति से लेकर अध्यात्म क्षेत्र तक के कुछ गलियारों में सुर्खियां बटोर रहा है। इसका खास कारण है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ द्वारा दिया एक बयान। आरएसएस चीफ के बयान पर अब जगद्गुरु रामभद्राचार्य की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा है कि “वह (Mohan Bhagwat) हिंदू धर्म के नेता नहीं हैं कि हमें उनकी बात सुननी पड़े। हिंदू धर्म की व्यवस्था साधु-संत और आचार्यों के लिए है।” बता दें कि RSS प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान मंदिर-मस्जिद विवादों को लेकर चिंता जताते हुए बड़ी बात कह दी थी। इसके बाद जगद्गुरु रामभद्राचार्य (Rambhadracharya) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

RSS प्रमुख Mohan Bhagwat के बयान पर क्या बोले जगद्गुरु रामभद्राचार्य?

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान को लेकर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। गुरु रामभद्राचार्य (Rambhadracharya) ने कहा कि “एकत्र होना चाहिए। पर अपनी ऐतिहासिक संपत्ति थोड़ी किसी को दे देनी चाहिए। ये मोहन भागवत का व्यक्तिगत बयान हो सकता है। वो किसी एक संगठन के प्रमुख हो सकते हैं, हिंदू धर्म के प्रमुख नही हैं कि उनकी बात हम मानते रहे। हम उनके अनुशासक हैं।” मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) द्वारा खुदाई पर चिंता व्यक्त करने से जुड़े सवाल पर जगद्गुरु ने कहा है कि “वो कौन होते हैं ऐसा कहने वाले? हिंदू धर्म की व्यवस्था साधु-संत और आचार्यों के हाथ में है, उनके हाथ में नहीं है। वो किसी एक संगठन के प्रमुख बन सकते हैं, हमारे नहीं। संपूर्ण भारत के वो प्रतिनिधि नहीं है।”

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रही हिंसा पर गुरु रामभद्राचार्य का पक्ष

बांग्लादेश में अल्पसंख्क हिंदुओं पर हो रही हिंसा को लेकर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने अपनी चिंता व्यक्त की है। गुरु रामभद्राचार्य (Guru Rambhadracharya) का कहना है कि “बांग्लादेश की मौजूदा सरकार हिंदू विरोधी है। विदेश मंत्रालय को एक पत्र मिला है जिसमें शेख हसीना की बांग्लादेश वापसी की मांग की गई है। लेकिन भारत ऐसा नहीं करेगा, दोनों (भारत और बांग्लादेश) के बीच मतभेद और बढ़ेंगे। भारत को कड़ी कार्रवाई करनी होगी, लेकिन बातचीत से मदद नहीं मिलेगी।”

मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर क्या बोले थे संघ प्रमुख?

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने बीते दिनों एक कार्यक्रम के दौरान मंदिर-मस्जिद से जुड़े नए-नए विवादों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। मोहन भागवत ने कहा था कि “कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि वे ऐसे मुद्दों (मंदिर-मस्जिद विवाद) को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि देश सद्भावना के साथ रह सकता है।” संघ प्रमुख ने समानता की अपील करते हुए कहा कि हमारे यहां सभी एक समान हैं। ऐसे में आपसी सौहार्द बना कर रहने की जरूरत है।

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