जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मधेपुरा व्यवहार न्यायालय के विशेष अदालत ने 32 साल पुराने अपहरण के मामले में जाप सुप्रीमो को रिहा करने के आदेश दे दिए हैं। उनकी रिहाई हो गई है। आज अंतिम फैसला सुनाते हुए अपर जिला और सत्र न्यायालय विशेष अदालत मधेपुरा निशिकांत ठाकुर ने पप्पू यादव को साक्ष्य के अभाव में रिहा करने के आदेश दे दिए।
बीते 5 महीने से जेल में बंद पप्पू यादव की आज रिहाई हो गई वह 11 मई से जेल में बंद थे। वहीं उप चुनाव के ठीक पहले पप्पू यादव की रिहाई से बिहार की सियासत गरमा सकती है।
बता दें कि बिहार में उपचुनाव के तारीखों की भी घोषणा हो गई है। राजद और एनडीए ने अपने उम्मीदवारों की भी घोषणा कर दी है। वहीं जाप पार्टी भी इस बार दोनों सीटों पर भाग्य आजमाने की तैयारी में है। उपचुनाव के ठीक पहले पप्पू यादव की रिहाई को लेकर जाप कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह है।
आपको यह भी बता दें कि रिहाई के बाद पप्पू यादव ने ट्वीट करते हुए जनता का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा इंसाफ हुआ, षड्यंत्र बेनकाब हुआ। जनता के आशीर्वाद से आज बाइज्जत बरी हो गया। साबित हो गया फर्जी मुकदमा में मुझे कैद किया गया था। न्यायालय के प्रति आभार।
बता दें की जेल जाते वक्त पप्पू यादव ने यह आरोप लगाया था कि सत्ता पक्ष द्वारा उन्हें जानबूझकर फंसाया गया है।
क्या था पूरा मामला
बता दें कि साल 1998 में चुनाव के दौरान मुरलीगंज से 2 लोगों का अपहरण कर लिया गया था। इस मामले में मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव को नामजद करते हुए मुरलीगंज थाना में अपहरण से संबंधित केस दर्ज कर लिया गया था। बाद में समझौता कर लिया गया था साथ ही पप्पू यादव को जमानत मिल गई थी। लेकिन 32 साल पुराने इस केस में सही समय पर हाजिरी और पैरवी नहीं होने से पप्पू यादव की जमानत टूट गई और उन्हें 11 मई को पटना से गिरफ्तार किया गया था।
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