महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कराची वाले बयान पर बवाल मचा हुआ है। फडणवीस ने अखंड भारत का जिक्र करते हुए कहा था कि कराची एक दिन भारत का हिस्सा होगा। इस बयान पर शिवसेना नेता संजय संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा कि पहले पीओके वापस लाओ। संजय राउत ने कहा, अगर कराची हिंदुस्तान में आता है तो हम उसका स्वागत करते हैं, लेकिन सबसे पहले कश्मीर वापस लाइए, जो पाकिस्तान के कब्जे में है। बाद में हम कराची तक भी पहुंच जाएंगे।
क्या है पूरा मामला ?
देवेंद्र फडणवीस और संजय राउत के बीच इस मामले में राजनैतिक बयानबाज़ी लगातार जारी है। पिछले हफ्ते शिवसेना नेता नितिन नंदगांवकर की ओर से कराची स्वीट में एक बुजुर्ग को धमकाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। कराची के नाम पर आपत्ति जताते हुए शिवसेना नेता नंदगांवकर ने बुजुर्ग को दुकान के नाम को बदलने की मांग की। विवाद बढ़ने के बाद शिवसेना नेता संजय राउत की ओर से जहां ट्वीट कर यह कहा गया कि पार्टी को इस नाम से कोई आपत्ति नहीं है। तो वहीं अब इस मामले में विपक्ष शिवसेना को आड़े हाथ लेता नज़र आ रहा है। विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने यह कह दिया कि कराची भारत का हिस्सा है।
वीडियो हुआ था वायरल
नीतिन नंदगांवकर का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें वो यह कहते हुए सुनाई पड़ रहे हैं- आपको नाम बदलना होगा, इसके लिए हम आपको समय दे रहे हैं। कराची का नाम बदलकर कुछ मराठी में रख लें। शिवसेना नेता ने दुकान के मालिक से कहा कि वे चाहें तो दुकान का नाम कुछ भी रख लें, अपने पूर्वजों का नाम ही रख लें, लकिन कराची नाम बिल्कुल न रखें क्योंकि यह नाम आतंकियों के साथ जुड़ा हुआ है। दुकान मालिक नंदगांवकर को यह समझाने का प्रयास करता हैं कि उस दुकान का अब कराची से कोई संबंध नहीं है, लेकिन शिवसेना नेता कहते हैं कि उन्हें खुद इसके नाम में ही दिक्कत है। वह दुकान मालिक से यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं- हम आपको नाम देते हैं, आपको दुकान का नाम बदलना ही होगा क्योंकि यह पाकिस्तान से जुड़ा है। इसे कराची से बदलकर कुछ मराठी में रखे लें।
शिवसेना ने किया किनारा
नितिन मधुकर का वीडियो वायरल होने के बाद काफी आलोचना हुई थी, हालांकि उनके इस बयान से शिवसेना ने किनारा कर लिया था। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि यह पार्टी का नजरिया नहीं है। कराची बेकरी और कराची स्वीट्स मुंबई में पिछले 60 साल से हैं और इनका पाकिस्तान से कोई लेना देना नहीं है. मिठाई दुकान का नाम बदलने का कोई मतलब नहीं है।