Home ख़ास खबरें Anurag Dhanda: पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में जबरदस्त गिरावट! आप...

Anurag Dhanda: पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में जबरदस्त गिरावट! आप नेता ने बताया कैसे कामयाब हुई सरकार?

आप नेता Anurag Dhanda ने पंजाब में पराली जलाने के मामलों में हुई गिरावट का जिक्र करते हुए मान सरकार की पीठ थप-थपाई है। अनुराग ढ़ांडा ने इस एतिहासिक उपलब्धि के लिए मान सरकार की नीतियों को कारगर बताया है।

Anurag Dhanda
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Anurag Dhanda: पंजाब में सीएम भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार किसानों से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देती है। इसका सटीक उदाहरण पराली जलाने से जुड़ी घटनाओं का काम होना है। पंजाब सरकार ने अपनी कुशल नीतियों के बदौलत 2022 से अब तक पराली जलाने की घटनाओं में लगातार कमी कराने की कोशिश की है। इससे जुड़ा एक आंकड़ा आप नेता अनुराग ढ़ांडा द्वारा साझा किया गया है। अनुराग ढ़ांडा ने एक्स पोस्ट जारी कर बताया है कि कैसे पंजाब सरकार की कुशल नीतियों और साफ नीयत की बदौलत किसानों को होने वाली समस्याएं खत्म की गई हैं। ये कुशल नीतियों का परिणाम है कि सूबे में पराली जलाने वाली घटनाओं में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है।

पराली जलाने की घटनाओं में गिरावट पर क्या बोले Anurag Dhanda?

आप नेता अनुराग ढ़ांडा ने पंजाब में पराली जलाने वाली घटनाओं में हुई कमी से जुड़ी एक रिपोर्ट साझा की है। अनुराग ढ़ांडा के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में ऐतिहासिक गिरावट! 2022 में जहां 29999 घटनाएँ दर्ज हुई थीं, वहीं 2025 में ये घटकर सिर्फ 3284 रह गई हैं। यानी लगभग 89 फीसदी की कमी। ये भगवंत मान सरकार की साफ नीयत और सटीक नीति का नतीजा है।” अनुराग ढ़ांडा ने एक पोस्टर साझा किया है जिसमें ग्राफ के माध्यम से पराली जलाने के मामलों में हुई जबरदस्त गिरावट को दर्शाया गया है।

किसानों से जुड़े मुद्दे को निपटाने में कैसे कामयाब हुई मान सरकार?

इस सवाल का जवाब भी आप नेता अनुराग ढ़ांडा ने दे दिया है। आप नेता ने बताया है पंजाब में पराली जलाने के मामले मान सरकार की नीतियों की बदौलत कम हो गए हैं। चाहें किसानों के लिए डिकंपोजर का इंतजाम करना हो, या जागरूकता का प्रसार करना। मान सरकार अपनी इन्हीं नीतियों की बदौलत किसानों तक अपनी नीतियों को सफलतापूर्वक पहुंचाने में सफल रही है। इससे इतर सख्त कानून भी बनाए गए जिसको ध्यान में रखते हुए किसानों ने पराली जलाना छोड़ दिया और अब इन मामलों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है।

Exit mobile version