CM Bhagwant Mann: पंजाब के कई हिस्सों में आज बाबा बंदा सिंह बहादुर की जयंती मनाई जा रही है। इसी बीच सीएम भगवंत मान ने उनकी जयंती पर उन्हें नमन किया। बताते चले कि बाबा बंदा सिंह बहादुर ने मुगलों के खिलाफ हथियार उठाया था, उन्होंने वर्ष 1709 में मुगलों से लोहा लिया और बादशाह बहादुर शाह के खिलाफ सिख किसानों को एकजुट किया। बंदा सिंह बहादुर का जन्म 27 अक्तूबर, 1670 को राजौरी में हुआ था। वो अपने घर से निकल गए और देश भ्रमण करते हुए महाराष्ट्र में नांदेड़ पहुंचे जहाँ 1708 में उनकी मुलाक़ात सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह से हुई। चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी जानकारी।
CM Bhagwant Mann ने बाबा बंदा सिंह बहादुर जी की जयंती पर किया नमन
सीएम भगवंत मान ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि “पंचायती राज के संस्थापक और महान सिख सेनापति बाबा बंदा सिंह बहादुर जी की जयंती पर हम उन्हें कोटि-कोटि प्रणाम करते हैं।
आइए, नई पीढ़ी को सिख इतिहास की महान विभूति बाबा बंदा सिंह बहादुर जी के गौरवशाली इतिहास से जोड़ने का प्रयास करें”।
बाबा बंदा सिंह बहादुर जी ने मुगलों से लिया था लोहा
जानकारी के मुताबिक बंदा सिंह की बहादुरी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने वर्ष 1709 में मुगलों से लोहा लिया और बादशाह बहादुर शाह के खिलाफ सिख किसानों को एकजुट किया। इसके बाद उन्होंने सोनीपत और कैथल में मुगलों का खजाना लूटा और पीड़ितों की भरपूर मदद की। बंदा सिंह की लोकप्रियता बढ़ती गई और उनकी सेना भी विशाल होती गई। बीतते समय के साथ उन्होंने अपनी सेना में करीब पाँच हज़ार घोड़े और आठ हजार पैदल सैनिक शामिल किए जिनकी संख्या बढ़कर उन्नीस हजार हो गई।