Bhagwant Mann: पंजाब में पहले ही गेहूं और गन्ना का जबरदस्त उत्पादन होता रहा है। इसी क्रम में भगवंत मान सरकार ने फसलों के विविधीकरण पर जोर दिया है। मान सरकार की पहल से राज्य में भारी संख्या में किसान मक्का खेती की ओर रुख कर रहे हैं। रबी सीजन में बोए जाने वाले मक्का की खेती में सिंचाई की आवश्यकता बेहद कम होती है। वहीं गेहूं, धान व अन्य तमाम फसलें सिंचाई पर निर्भर रहती हैं, जो जल स्तर को प्रभावित कर सकती हैं। यही वजह है कि पंजाब में भू-जल संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए भगवंत मान सरकार की ओर से फसल विविधीकरण पर जोर दिया गया है। मान सरकार इस मॉडल के तहत कृषि करने वाले किसानों को सम्मानित भी करती है और उन्हें प्रोत्साहन देती है।
पंजाब में किसानों से मक्का खेती अपनाने की अपील
मान सरकार राज्य को मक्का उत्पादन के क्षेत्र में भी अग्रणी पंक्ति में रखना चाहती है। इसी कड़ी में किसानों से मक्का की खेती करने की अपील की जा रही है। इससे कम पानी में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। दरअसल, मक्का की खेती में सिंचाई की जरूरत गेहूं और गन्ना के तुलना में बेहद कम होती है। आधुनिकता के इस दौर में मक्का से जुड़े उत्पादों की खूब मांग है। कॉर्न से तमाम तरह के लज़ीज व्यंजन बनाए जाते हैं जो महंगे होते हैं। यही वजह है कि भगवंत मान सरकार किसानों से फसल विविधीकरण पर जोर देने और मक्का उत्पादन करने की अपील कर रही है। इससे जहां एक ओर किसान सशक्त होंगे। वहीं दूसरी ओर पंजाब में भू-जल संरक्षण की मुहिम और रफ्तार पकड़ेगी।
फसल विविधीकरण के लिए प्रयासरत Bhagwant Mann सरकार
पंजाब एक ऐसा राज्य है जहां बड़े पैमाने पर गेहूं और गन्ना की खेती होती आई है। बड़े-बड़े फॉर्म बने हैं जहां किसान गेहूं और गन्ना की बुआई करते हैं। इन फसलों की निरंतरता बने रहने से जमीन की उपजाऊ क्षमता प्रभावित होती है। यही वजह है कि भगवंत मान सरकार फसल विविधीकरण पर जोर देते हुए अन्य फसलों की बुआई की अपील कर रही है। मक्का उनमें से एक है जिसकी मांग भी खूब है। इस फसल में पानी की मात्रा भी कम लगती है। इसी कड़ी में किसानों को प्रोत्साहित कर मक्का की खेती की ओर आकर्षित किया जा रहा है। इसके लिए मान सरकार लगातार प्रयासरत है।
