Panjab University: सूबे की शान माने जाने वाले पंजाब विश्वविद्यालय में सीनेट चुनाव को लेकर विवाद गहराता नजर आ रहा है। केन्द्र द्वारा दशकों पुरानी सीनेट और सिंडिकेट रद्द करने के बाद पंजाब सरकार फ्रंटफुट से प्रदर्शनकारी छात्रों के हक की लड़ाई लड़ रही है। सीएम भगवंत मान ने तो इस मामले में विशेषज्ञ अधिवक्ताओं का पैनल बनाने और कोर्ट का रुख करने तक की बात कह दी है। इसी कड़ी में आज पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में हुए प्रदर्शन के दौरान बल प्रयोग ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। पंजाब सरकार केन्द्र की सत्तारुढ़ दल बीजेपी तो हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि पंजाब यूनिवर्सिटी मामले में सियासी पारा और चढ़ता नजर आ सकता है।
सीनेट चुनाव को लेकर Panjab University में मचा घमासान
प्रसिद्ध पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट चुनाव को लेकर घमासान छिड़ा है। इसी बीच आज छात्रों का कई गुट केन्द्र के खिलाफ प्रदर्शन के लिए चंडीगढ़ पहुंचा था। केन्द्र के आदेश पर पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर बल प्रयोग किया जिससे अफरा-तफरी मच गई। छात्रों का आरोप है कि पंजाब विश्वविद्यालय सीनेट पर कब्जा करने के लिए हिंसा का सहारा लिया जा रहा है। इस पूरे मामले को लेकर चर्चा देशभर में हो रही है। प्रदर्शनकारी छात्र इसे षड़यंत्र का हिस्सा बताते हुए विश्वविद्यालय और पंजाब राज्य की अस्मिता से खिलवाड़ करने का आरोप लगा रहे हैं। छात्र लगातार सड़कों पर उतरकर अपने हक की लड़ाई लड़ने और जिम्मेदारों के खिलाफ नारेबाजी करने का काम कर रहे हैं।
छात्रों के हक की लड़ाई को रफ्तार दे रही पंजाब सरकार
पंजाब की भगवंत मान सरकार छात्रों के हक की लड़ाई को रफ्तार दे रही है। इसी कड़ी में आज आम आदमी पार्टी के सांसद मलविंदर सिंह कांग विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे थे। हालांकि, उन्हें रोका गया जिसके बाद वो मुखर होकर मोर्चा संभालते नजर आए। मलविंदर कांग ने छात्रों पर पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज की निंदा करते हुए उन्हें आप का समर्थन देने का आश्वस्त किया है। भगवंत मान सरकार भी इस मामले में प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ है। सीएम मान का साफ तौर पर कहना है कि अधिसूचना रद्द करना असंवैधानिक है और इसके खिलाफ पूरी सरकार छात्रों की आवाज में आवाज मिलाएगी।
