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Vijay Diwas 2025: ‘देश अपने योद्धाओं की वीरता..,’ विजय दिवस पर सीएम भगवंत मान की प्रतिक्रिया, सैनिकों के साहस को नमन कर कही खास बात

Vijay Diwas 2025 पर सीएम भगवंत मान की खास प्रतिक्रिया सामने आई है। मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों के साहस, वीरता और बलिदान को तहे दिल से नमन करते हुए वीरता को सराहा है।

Vijay Diwas 2025
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Vijay Diwas 2025: देश के विभिन्न हिस्सों में आज धूम-धाम से विजय दिवस मनाया जा रहा है। इस दौरान विद्यालयों से लेकर तमाम सरकारी दफ्तरों में भारतीय सेना के वीर जवानों को सम्मानित किया जा रहा है। छात्र अपने भाषणों में सैनिकों की वीरता का जिक्र कर उनके साहस को बारंबार प्रणाम कर रहे हैं। इसी बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की भी विजय दिवस 2025 पर प्रतिक्रिया सामने आई है। सीएम भगवंत मान ने आज 16 दिसंबर, 2025 को सैनिकों के साहस को नमन करते हुए खास प्रतिक्रिया दी है। पंजाब सीएम ने वीरों की शहादत को याद करते हुए कहा है कि देश अपने योद्धाओं की वीरता पर सदा गर्व करेगा।

सीएम भगवंत मान की Vijay Diwas 2025 पर खास प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज 16 दिसंबर को देशभर में गर्व के साथ मनाए जा रहे विजय दिवस पर खास प्रतिक्रिया दी है।

पंजाब सीएम के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “16 दिसंबर को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की विजय की वर्षगांठ के रूप में मनाए जाने वाले विजय दिवस के अवसर पर, हम भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों के साहस, वीरता और बलिदान को तहे दिल से नमन करते हैं। इन बहादुर सैनिकों ने न केवल दुश्मनों को पराजित किया और गर्व से तिरंगा फहराया, बल्कि मानवीय मूल्यों की रक्षा करते हुए विश्व मानचित्र पर एक ऐतिहासिक परिवर्तन भी लाया। यह देश अपने योद्धाओं की वीरता पर सदा गर्व करेगा।” सीएम मान की प्रतिक्रिया को लेकर खूब खबरें भी बन रही हैं।

क्यों 16 दिसंबर को ही मनाया जाता है विजय दिवस?

अतीत के पन्ने पलटने पर 16 दिसंबर, 1971 की तारीख का जिक्र आता है। इसी दिन भारत-पाकिस्तान के मध्य युद्ध का अंत हुआ था और पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सैनिकों के आगे घुटने टेंक दिए थे। भारत की ओर से ये युद्ध पूर्वी पाकिस्तान के स्वतंत्रता संग्राम के लिए लड़ा गया था। इस युद्ध के समापन के बाद पाकिस्तान से आजाद होकर बांग्लादेश बना और पड़ोसी मुल्क की बुरी तरह से हार हुई। यही वजह है कि हर वर्ष दिसंबर की 16 तारीख को विजय दिवस मनाकर भारतीय सेना की वीरता और साहस का स्मरण किया जाता है और शहादत को प्राप्त हुए वीर जवानों को नमन किया जाता है।

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