देश के मशहूर शायर राहत इंदौरी अब इस दुनिया में नहीं रहे। राहत इंदौरी का आज (मंगलवार) दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वो कोरोना पॉजिटिव भी थें। कोरोना पॉजिटिव होने की खबर आज इंदौरी साहब ने ही खुद ट्वीट कर दिया था।
राहत इंदौरी शायरों की दुनिया का वो नाम थें जिनके बिना ये दुनिया अधूरी सी है। इंदौरी साहब उर्दू साहित्य के वो चमकते सितारे थें, जिसकी चमक से उर्दू को विश्व पटल को एक नई और आधुनिक पहचान मिली। उन्होंने अपने लफ्जों में मोहब्बत का वो एहसास भरा जिसे सुन युवाओं का दिल जज्बातों से लबालब हो जाता है।
राहत इंदौरी शेरों-शायरी को कलम से नहीं बल्कि मोहब्बत के लफ्जों से पिरोते थे। उनके शेरों में आशिकी की वो झलक मौजूद हैं, जो उनको इस जमीं पर हमेशा उनकी मौजूदगी का एहसास दिलाता रहेगा। राहत इंदौरी ना सिर्फ शेरों को लिखते थें बल्कि उसको जीते थें। इंदौरी साहब खास और कमाल के लहजे में स्टेज पर शेर पढ़ते थें। उनका ये अंदाज बाकि शायरों से बेहद जुदा था।
राहत इंदौरी के कुछ मशहूर शेर
मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चांद पागल है अंधेरे में निकल पड़ता है।
सूरज सितारे चांद मेरे साथ में रहे
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे।
किसने दस्तक दी, कौन है
आप तो अंदर है बाहर कौन है।
ये हवाएं उड़ न जाएं ले के काग़ज़ का बदन
दोस्तो मुझ पर कोई पत्थर ज़रा भारी रखो।
बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यार से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ।
शाख़ों से टूट जाएं वो पत्ते नहीं हैं हम
आंधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे।
अब ना मैं हूँ ना बाक़ी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे।
शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए
ऐसी गर्मी है कि पीले फूल काले पड़ गए।
ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था
मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था।
अजनबी ख़्वाहिशें, सीने में दबा भी न सकूं
ऐसे ज़िद्दी हैं परिंदे, कि उड़ा भी न सकूं।
बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए
मैं पीना चाहता हूँ पिला देनी चाहिए
दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए।
हों लाख ज़ुल्म मगर बद-दुआ’ नहीं देंगे
ज़मीन माँ है ज़मीं को दग़ा नहीं देंगे।
गुलाब, ख्वाब, दवा, ज़हर, जाम क्या क्या हैं
मैं आ गया हूं, बता इंतज़ाम क्या क्या हैं।
फ़क़ीर, शाह, कलंदर, इमाम क्या क्या हैं
तुझे पता नहीं तेरा गुलाम क्या क्या हैं।