Rajasthan News: गुरुवार को राजस्थान मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा नियम में संशोधन को मंजूरी देने का बड़ा और काफी खास फैसला लिया है। इससे यह आशा है कि अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण में विसंगति की समस्या का समाधान हो सकता है। मुख्यमंत्री निवास पर हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए।
राजस्थान सिविल सेवा नियम, 1988 में संशोधन का लिया गया फैसला
इस बैठक के बाद जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि “जो विसंगति थी उसे दूर किया गया। इसका ब्योरा जारी किया जाएगा।” इसके साथ ही मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि “पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में एक विसंगति पैदा हो गई थी उस त्रुटि को भी दूर कर दिया गया है।” एक आधिकारिक बयान के मुताबिक मंत्रिमंडल के राजस्थान सिविल सेवा नियम, 1988 में संशोधन का फैसला लिया गया है। इस संशोधन से अनुसूचित जाति के पूर्व सैनिकों को भी सीधी भर्तियों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व मिलेगा। इसके साथ ही पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित पदों में से पिछड़ा वर्ग के सामान्य अभ्यर्थियों का भी सम्यक प्रतिनिधित्व तय हो सकेगा।
पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने किया ट्वीट
बयान के मुताबिक, इस कदम से पूर्व सैनिकों को वर्तमान में मिल रही आयु में छूट व न्यूनतम अंकों में छूट का लाभ भी मिलता रहेगा। इसके साथ ही पूर्व सैनिकों के किसी भर्ती के रिक्त पद के विरुद्ध रिक्तियां एक भर्ती वर्ष तक कैरी फॉरवर्ड की जाएगी। वहीं दूसरी ओर ओबीसी आरक्षण विसंगति को दूर करने की मांग कर रहे पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने रात में ट्वीट किया, “बधाई सभी युवाओं को। ओबीसी आरक्षण विसंगति आंदोलन में संघर्ष के सभी साथियों को बधाई, कैबिनेट में साथ देने वालों को धन्यवाद। विवाद से नहीं सामंजस्य, सहयोग व संघर्ष से सफलता मिलती है।”
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