Ration Card: केंद्र सरकार के एक फैसले ने राशन कार्ड धारकों की टेंशन बढ़ा दी है। मालूम हो कि NFSA के मुताबिक अभी तक 19.17 करोड राशन कार्ड जारी किए जा चुके है, वहीं करीब 76 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अनाज का लाभ मिल रहा है, लेकिन अब जल्द ही 1 करोड़ से अधिक राशन कार्ड बंद होने जा रहा है। केंद्र सरकार ने इसे लेकर एक फरमान जारी किया है, जो धारकों की टेंशन बढ़ा सकता है। सरकार की तरफ से उन Ration Card धारकों की पहचान की जा रही है, जो चार पहिया वाहन और कंपनी के निदेशक शामिल है। यानि अब उन राशन कार्ड धारकों को मुफ्त अनाज नहीं मिलेगा और उनका कार्ड भी कैंसिल कर दिया जाएगा।
1 करोड़ से अधिक Ration Card धारकों को नहीं मिलेगा मुफ्त अनाज
बताते चले कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने राशन कार्डधारकों के विवरण को आयकर विभाग और सड़क परिवहन मंत्रालय और कॉपरेट कार्य मंत्रालय जैसी सरकारी एजेंसियों के डेटाबेस से मिलान कर एक लिस्ट तैयार की गई है, जिसमे उनका नाम है जिनके पास चार पहिया वाहन है, या फिर वह किसी कंपनी के निदेशक पद पर तैनात है। बड़ी बात यह है कि करीब 94 लाख से अधिक ऐसे धारक है जो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते है, तो वहीं 17 लाख से अधिक के पास चार पहिया वाहन उपलब्ध है, और 5 लाख से अधिक कंपनी के निदेशक है, अगर इन सभी को जोड़ा जाए तो कुल आंकड़ा 1 करोड़ के पार पहुंचता है। यानि करीब 1.17 करोड़ Ration Card धारकों का नाम लिस्ट से हटा दिया जाएगा।
अपात्र राशन कार्ड धारकों को हटाने के पीछ क्या है सरकार का मकसद
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस डेटा के आधार पर राज्यों को अपात्र लाभार्थियों को हटाने में मदद मिलेगी, ताकि प्रतीक्षा सूची में मौजूद जरूरतमंद लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत लाभ मिल सके. NFSA डैशबोर्ड के अनुसार, 19 अगस्त तक 19.17 करोड़ राशन कार्ड जारी किए गए हैं, जिनके तहत 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 76.10 करोड़ लाभार्थी शामिल हैं। गौरतलब है कि बड़ी संख्या में अभी भी ऐसे जरूरतमंद लोग है, जिनका Ration Card अभी तक नहीं बना है।
वहीं चार पहिया वाहन मालिकों, कंपनी के निदेशकों का कार्ड बना हुआ है और वह इसका लाभ उठा रहे थे, यहीं वजह की खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने एक्शन लेते हुए सितंबर तक लिस्ट हटाने का आदेश जारी कर दिया है।