पंजाब में सब कुछ ठीक नहीं है। पिछले कुछ दिनों से पंजाब में हो रहे हमले से आसपास के लोगों में दहशत का माहौल है वहीं इस बीच पंजाब के मोहाली में पुलिस के दफ्तर पर हुए रॉकेट हमले ने सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा दिया है। प्रोपेल्ड ग्रेनेड लांचर जैसे हथियार के इस्तेमाल में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। लेकिन वारदात के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी यह पता नहीं चल सका है कि आखिर इस घटना को किसने और कैसे अंजाम दिया।
पंजाब पुलिस हेड क्वार्टर की इमारत से कुछ तस्वीरें सामने आई है जो यह बताती है कि घटना को अंजाम देने के लिए आरपीजी 22 लांचर का इस्तेमाल किया गया है। चिंता बढ़ाने वाली बात यह है कि सैन्य श्रेणी के इस लांचर का इस्तेमाल भारतीय सेना तो करती ही नहीं, यानी ये साफ है कि यह सरहद पार से आया है।
बता दें की पंजाब से पाकिस्तान करीब है लेकिन आरपीजी 22 जैसे हथियार पाक फौज के पास भी नहीं है, लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान समेत अन्य लड़ाकू रूसी मूल के इस आरपीजीएल का इस्तेमाल करते रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते यह खतरनाक हथियार भारत में पहुंचाया गया है।
बता दें कि रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड कि यह बरामदगी करीब देश में दो दशक बाद हुई है। इससे पहले सुरक्षा बलों के साथ जम्मू कश्मीर के कुलगाम में हुई मुठभेड़ के दौरान मारे गए पाकिस्तानी आतंकी उस्मान के पास से rpg-7 बरामद किया गया था। पंजाब के मोहाली में इस घटना ने सुरक्षा के इंतजामों की गणित को गड़बड़ा दिया है।
जांच एजेंसियों की पड़ताल में इस बात पर नजर होगी कि आख़िर RPGL जैसे हथियार को चलाने वाला शख्स कौन था और उसे यह हथियार कहां से हासिल हुआ? साथी ही तेज़ी से जारी तलाशी अभियान में इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि कहीं इन हथियारों की बड़ी खेप भारत में तो नहीं पहुंचा दी गई है?
एक के बाद एक हो रही घटनाएं 55 दिन पहले बनी भगवंत मान सरकार के लिए सिरदर्द बनती जा रही हैं। लंबे समय बाद पहली बार पंजाब पुलिस की कारगुजारी पर सवालिया निशान लगने लगे हैं।वहीं पंजाब पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा मोहाली ब्लास्ट मामले को जल्द सुलझा लिया जाएगा।
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