SIR 2025: देश भर के कई राज्यों में एसआईआर के खिलाफ विरोध की आवाजें उठने लगी हैं। साउथ से लेकर नॉर्थ तक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। एक्टर से पॉलिटिशियन बने विजय की पार्टी टीवीके भी अब मैदान में उतर आई है। टीवीके ने मतदाता सूची के गहन रिवीजन यानी एसआईआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इन सबके बीच, पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश बॉर्डर पार करने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है।
सूत्रों का कहना है कि ये पश्चिम बंगाल में गैर-कानूनी तरीके से रह रहे घुसपैठिए हो सकते हैं। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट गहन रिवीजन का कार्यक्रम युद्ध स्तर पर चल रहा है, जिसका असर अब साफ तौर पर गैर-कानूनी इमिग्रेंट्स पर पड़ रहा है। पश्चिम बंगाल में गैर-कानूनी तरीके से रह रहे लोगों में भगदड़ मच गई है। लोग अपना सामान सूटकेस, बैग और बोरियों में भरकर बॉर्डर पार करने का इंतजार कर रहे हैं।
SIR 2025: हाकिमपुर बॉर्डर पर क्यों उमड़ी भीड़?
हाकिमपुर बॉर्डर पर गैर-कानूनी बांग्लादेशी इमिग्रेंट्स की बाढ़ आ गई है, जो अब इलेक्टोरल रोल्स का इंटेंसिव रिवीजन से डर रहे हैं और किसी भी तरह से पश्चिम बंगाल से भागने की कोशिश कर रहे हैं। हाकिमपुर बॉर्डर पर अवैध बांग्लादेशी बता रहे हैं कि, हम गरीबी के कारण आए थे। डॉक्यूमेंट्स ठीक नहीं थे। अब जब बंगाल में वेरिफिकेशन चल रहा है, तो वापस लौटना ही बेहतर लगता है।
कई लोग मानते हैं कि उन्होंने ब्रोकर्स और बिचौलियों से आधार, राशन कार्ड, या वोटर कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट्स लिए हैं। इन पुराने डॉक्यूमेंट्स को एसआईआर 2025 में फिर से वेरिफाई किया जा रहा है, इसलिए लोग पूछताछ और डिटेंशन से बचने के लिए अपनी मर्ज़ी से बॉर्डर पर आ रहे हैं। स्वरूप नगर के हाकिमपुर में चेकपोस्ट के पास बने अस्थायी शेल्टर होम में भीड़ के बीच इस तरह के कई लोग मौजूद हैं जो अपनी दर्द भरी कहानियां सुना रहे हैं। ये लोग किसी भी तरह चेकपोस्ट पार करके बांग्लादेश में अपने घर पहुंचने की फिराक में जुटे हैं।
एसआईआर 2025: डर से बंगाल छोड़कर भाग रहे अवैध बांग्लादेशी
बीएसएफ अधिकारियों के मुताबिक, हर दिन 150-200 लोगों को पकड़ा जा रहा है और जांच के बाद उन्हें “वापस भेजा” जा रहा है। जिस दिन पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन शुरू हुआ, बॉर्डर पर भीड़ बढ़ने लगी। पिछले छह दिनों में, ऑफिशियल प्रोसेस पूरा करने के बाद 1200 से ज़्यादा लोग बांग्लादेश लौट चुके हैं। चुनाव आयोग 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के गहन रिवीजन यानी एसआईआर फेज़ 2 प्रोग्राम को तेज़ी से चला रहा है।
बता दें कि अवैध बांग्लादेशियों को लेकर कोलकाता से लेकर दिल्ली तक राजनीति गर्म है। पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य कहते हैं कि,” ये लोग 12-15 साल से भारत में रह रहे थे क्योंकि बंगाल की सरकार ने इन्हें संरक्षण दे रखा था। इन लोगों के पास आधार कार्ड और पैन कार्ड भी होंगे। ये सब इन्हें तृणमूल कांग्रेस ने दिलवाएं हैं।”
