गुलशन, मेरा बच्चा
आज मेरा दिन है।
आज तुम्हारा दिन है।
आज हमारा दिन है।
आज राखी है।
पैंतीस साल के बाद ये पहला अवसर है जब पूजा की थाल सजी है। आरती का दिया भी जल रहा है।
बस वो चेहरा नहीं है जिसकी आरती उतार सकूँ। वो ललाट नहीं है जिसपर टीका सजा सकूँ। वो कलाई नहीं जिस पर राखी बांध सकूँ। वो मुँह नहीं जिसे मीठा कर सकूँ। वो माथा नहीं जिसे चूम सकूँ। वो भाई नहीं जिसे गले लगा सकूँ।
वर्षों पहले जब तुम जब आए थे तो जीवन जगमग हो उठा था। जब थे तो उजाला ही उजाला था। अब जब तुम नहीं हो तो मुझे समझ नहीं आता कि क्या करूँ?
तुम्हारे बग़ैर मुझे जीना नहीं आता। कभी सोचा नहीं कि ऐसा भी होगा। ये दिन होगा पर तुम नहीं होगे।
ढेर सारी चीजें हमने साथ-साथ सीखी। तुम्हारे बिना रहना मैं अकेले कैसे सीखूँ? तुम्हीं कहो।
हमेशा तुम्हारी……रानी दी
इन शब्दों को पढ़िए और महसूस कीजिए इनका दर्द। ये महज शब्द नहीं दर्द है, ये महज अल्फाज नहीं एहसास है। इनको कलम की नोक से नहीं खून के आंसूओं से लिखा गया है। ये उस बहन ने अपना दर्द बयां किया है, जिसने आज सोमवार को अपने भाई की कलाई पर राखी नहीं बांध सकी, उसके ललाट पर विजई तिलक नहीं लगा सकी। अपने भाई को गले नहीं लगा सकी, क्योंकि उसका भाई अब इस दुनिया में नहीं रहा। या यह कहें कि अब उस बहन की दुनिया ही नहीं रही।
इस दर्द को बयां किया हैं दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहन ने, जिसका दर्द आज हर कोई दिल की गहराई से महसूस कर सकता है। रानी द्वारा लिखी गई इस इमोशनल पोस्ट को पढ़ कर हर किसी की आंखे नम है। ये पोस्ट उन्होंने इंस्टाग्राम पर शेयर किया।
सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने भी इमोशनल पोस्ट शेयर करते हुए लिखा ‘हैप्पी रक्षाबंधन मेरा स्वीट सा बेबी’