Teesta Seetalvad Case: गुजरात दंगा मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
इससे पहले उन्हें एसआईटी ने अहमदाबाद मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में पेश किया। लोक अभियोजक अमित पटेल ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों की रिमांड बढ़ाने की मांग नहीं की और कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। लोक अभियोजक ने कहा कि ‘पुलिस ने आज आरोपी की और आगे की रिमांड नहीं मांगी है। पुलिस ने न्यायिक हिरासत की मांग के लिए आवेदन दिया था जिसके बाद कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।’
एक हफ्ते पहले दोनो हुए थे गिरफ्तार
श्रीकुमार को पिछले शनिवार को गिरफ्तार किया गया था और सीतलवाड़ को इसके एक दिन बाद गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ता (ATS) ने मुंबई स्थित उनके आवास से उठा लिया था। भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी संजीव भट्ट भी मामले में आरोपी हैं। वह हिरासत में मौत होने के एक मामले में बनासकंठा जिले की पालनपुर जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उन्हें स्थानांतरण वारंट पर अहमदाबाद लाया जाएगा। सीतलवाड़, श्रीकुमार और भट्ट पर गुजरात दंगों के मामले में बेकसूर लोगों को फंसाने के लिए साक्ष्य गढ़ने की साजिश रचने का आरोप है।
सुप्रीम कोर्ट से नरेंद्र मोदी को मिली क्लीन चिट
गौरतलब है कि गुजरात दंगा मामले में एसआईटी ने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी थी। नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया की याचिका रद्द कर दी थी। कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि तीस्ता सीतलवाड़ गोपनीय तरीके से अपने स्वार्थ के लिए जाकिया जाफरी की भावनाओं का इस्तेमाल कर रही थी।
सीतलवाड़ पर जालसाजी व अन्य धाराओं के तहत केससुप्रीम कोर्ट की ओर से यह टिप्पणी की गई थी कुछ लोग कड़ाही लगातार खौलाते रहना चाहते हैं। इस टिप्पणी को तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ के संदर्भ में माना जा रहा है। सीतलवाड़ पर जालसाजी, साजिश और अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
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