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‘सड़कों पर सिर्फ मुस्लिम नमाज नहीं..,’ मेरठ में Eid-ul-Fitr पर लहराए पोस्टर; होली, रामवनमी का जिक्र कर मुसलमानों ने ये क्या कह दिया?

मेरठ में Eid-ul-Fitr पर नमाजियों ने होली, दीवाली, शिवरात्री और रामनवमी जैसे हिंदू समुदाय के त्योहारों का जिक्र कर पोस्टर लहराया है। ईद-उल-फितर की नमाज अदा करने के बाद नमाजियों द्वारा लहराए गए इस पोस्टर की चर्चा तमाम चौक-चौराहों पर शुरू हो गई है।

Eid-ul-Fitr
Picture Credit: गूगल (मेरठ में नमाज के बाद सड़क पर लहराए पोस्टर)

Eid-ul-Fitr: चहल-पहल से भरी मेरठ की सड़कों पर ऐसे पोस्टर लहराए हैं, जिससे यूपी का सियासी पारा चढ़ता नजर आ रहा है। दरअसल, ईद-उल-फितर मनाने के लिए जुटे मुस्लिम समाज के लोगों ने पहले नमाज अदा की और फिर भीड़ से एक पोस्टर लहराया। इस पोस्टर पर लिखा था कि “सड़क पर सिर्फ मुस्लिम समाज नमाज नहीं पढ़ता।” पोस्टर में होली, रामनवमी, शिवरात्री, दीवाली आदि का जिक्र भी था। Eid-ul-Fitr पर नमाजी मुसलमानों के इस अंदाज की चर्चा तेज हो गई है। पोस्टर में लिखे संदेश की गूंज दूर तलक पहुंच रही है और इसको लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो चुका है।

मेरठ में Eid-ul-Fitr पर लहराए पोस्टर से चढ़ा सियासी पारा!

पंकज झा नामक एक्स हैंडल यूजर जो कि पेशे से पत्रकार भी हैं, उन्होंने सनसनी मचाने वाला एक वीडियो जारी किया है। वीडियो में मुस्लिम समुदाय के लोग भारी संख्या में नमाज अदा कर निकलते देखे जा सकते हैं। ईद-उल-फितर पर नमाज के लिए एकत्रित हुई भीड़ से ही एक पोस्टर लहराता भी नजर आ रहा है, जिसमें कई तरह की बातें लिखी गई हैं। Eid-ul-Fitr पर लहराए गए इस पोस्टर में लिखा गया है कि “सड़कों पर सिर्फ मुस्लिम नमाज नहीं पढ़ते हैं। हिंदू गणेश चतुर्थी सड़कों पर मनाता है। हिन्दू होली सड़कों पर मनाता है। शिवरात्रि सड़कों पर मनाता है। कांवड़िया सड़क पर निकलता है। हिंदू रामनवमी यात्रा सड़क पर करता है। हिंदू दिवाली पर पटाखे सड़क पर फोड़ता है।” मेरठ में ईद पर लहराए इस पोस्टर में लिखी गई बातें अब सियासी गलियारों में गूंज रही हैं और इसको लेकर तमाम सवाल भी उठ रहे हैं।

ईद की नमाज को लेकर क्यों छिड़ा सियासी संग्राम?

दरअसल, यूपी की योगी सरकार ने ईद-उल-फितर पर सड़क पर नमाज ना पढ़ने का निर्देश जारी किया था। ये निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से सामने आए थे। इसके बाद से सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई और मुस्लिम संगठनों के अलावा सपा के तमाम नेता भी ऐसे निर्देश के खिलाफ आवाज बुलंद करने लगे। हालांकि, प्रशासनिक महकमा सरकार की ओर से जारी निर्देश का पालन करने में जुट गया और इस बात को सुनिश्चित किया गया कि Eid-ul-Fitr की नमाज मस्जिदों में पढ़ी जाए। यही वजह है कि मेरठ में नमाजियों ने पोस्टर लहराते हुए सांकेतिक रूप से सरकार का विरोध किया है। फिलहाल इस मामले पर सबकी नजरें जमी हुई हैं और देखना होगा कि आगे क्या होता है।

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