Ganga Expressway: अगर किसी एक्सप्रेसवे की वजह से प्रदेश को आर्थिक फायदा मिले, तो यह काफी बढ़िया बात हो सकती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं गंगा एक्सप्रेसवे की। इस एक्सप्रेसवे को उत्तर प्रदेश का गेमचेंजर एक्सप्रेसवे कहा जा रहा है। इसके पीछे वजह साफ है कि यह यूपी के 12 जिलों से होकर गुजरेगा। ऐसे में इसके खुलने से प्रदेश के लोगों को बढ़िया कनेक्टिविटी मिलेगी। साथ ही लोगों का एक से दूसरी जगह जाना भी काफी सुगम हो सकता है। लेटेस्ट रिपोर्ट्स में इसकी ताजा जानकारी सामने आई है।
Ganga Expressway का 90% निर्माण कार्य कंप्लीट
ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य लगभग 90 फीसदी पूरा हो गया है। बाकी का बचा हुआ 10 फीसदी कार्य अगले कुछ महीनों में कंप्लीट किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लोगों को अगले कुछ महीनों में इस एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करने का अवसर मिल सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस एक्सप्रेसवे पर मेरठ के बिजौली क्षेत्र में यूपीडा यानी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने वेलकम बोर्ड लगा दिया है। ऐसे में यह एक्सप्रेसवे सितंबर 2025 से पूरी तरह से शुरू हो सकता है।

गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए बचेंगे 4 से 5 घंटे
यूपी का मचअवेटिड Ganga Expressway मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाएगा। वर्तमान समय में मेरठ से प्रयागराज तक का सफर करने में 12 घंटे का टाइम लगता है। मगर गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए तकरीबन 600 किलोमीटर लंबे सफर को पूरा करने में 6 से 7 घंटे लगेंगे। ऐसे में यात्रियों का काफी वक्त बच सकता है। यह एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूँ, शाहजहाँपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों को सीधे तौर पर कनेक्ट करेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे पर मिलेगा आरामदायक सफर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Ganga Expressway को कुल 4 फेजों में तैयार किया जाएगा। इसके चारों चरणों के पूरा होने के बाद मेरठ से प्रयागराज तक पहुंचने में लोगों को आरामदायक सफर का एहसास होगा। इस एक्सप्रेसवे को फिलहाल 6 लेन के साथ विकसित किया गया है। मगर भविष्य में ट्रैफिक बढ़ने की संभावना के बीच इसे 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, अभी तक इस संबंध में कुछ भी आधिकारिक नहीं हुआ है।