Monsoon Rains in UP: यूपी में 30 जिले ऐसे हैं, जहां 40 फीसदी से 60 फीसदी बारिश हुई है और 19 जिलों में 40 फीसदी से भी कम बारिश हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस बार प्रदेश में कम बारिश हुई है। फिर भी किसानों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने सभी जिलों में बारिश और बोआई की सतत समीक्षा के निर्देश दिए हैं। वे सोमवार को संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक मेें बोल रहे थे।
सीएम ने कहा कि कृषि, सिंचाई, राहत, राजस्व समेत सभी संबंधित विभाग अलर्ट मोड में रहें। हर जिले में कृषि विज्ञान केंद्रों, कृषि विश्वविद्यालयों और वैज्ञानिकों के माध्यम से किसानों से सतत संवाद बनाए रखें और सही जानकारी किसानों को उपलब्ध कराएं। वर्षा मापक यंत्रों को विकास खंड स्तर पर लगवाए जाएं। बाढ़ या अतिवृष्टि की स्थिति पर भी नजर रखें। आपदा प्रबंधन टीमें हर समय सक्रिय रहें। उन्होंने दलहनी व तिलहनी फसलों का उत्पादन मांग के अनुरूप लाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए। कहा, बुंदेलखंड क्षेत्र में इसमें अपार संभावनाएं हैं।
19 जिलों में 40 फीसदी से भी काम बारिश
बैठक में बताया गया कि कानपुर, अमरोहा, मुरादाबाद, गोंडा, मऊ, बहराइच, बस्ती, संतकबीरनगर, गाजियाबाद, कौशांबी, बलिया, श्रावस्ती, गौतमबुद्ध नगर, शाहजहांपुर, कुशीनगर, जौनपुर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद और रामपुर जिलों में सामान्य की तुलना में 40 फीसदी से कम बारिश हुई है। फिरोजाबाद, एटा, हाथरस, खीरी, औरैया, चित्रकूट, प्रतापगढ़, वाराणसी और हापुड़ में सामान्य (80 से 120 प्रतिशत) और मथुरा, बलरामपुर, ललितपुर, इटावा, भदोही, अंबेडकरनगर, मुजफ्फरनगर, गाजीपुर, कन्नौज, जालौन, मेरठ, संभल, सोनभद्र, लखनऊ, सहारनपुर और मिर्जापुर में सामान्य से कम (60 से 80 प्रतिशत) बारिश हुई है। 30 जिलों में 40 से 60 फीसदी ही बारिश हुई है। इस पर सीएम ने कहा कि सरकार ने नहरों और नलकूपों के विस्तार से सिंचाई सुविधा को बेहतर बनाया है। रामपुर ऐसा जिला है सामान्य की तुलना में सिर्फ 18 प्रतिशत ही बारिश हुई है, लेकिन यहां 98 प्रतिशत फसल की बोआई हो चुकी है। सीएम ने एक सप्ताह में सभी जिलों में कृषि फसलों की मैपिंग कराकर फसल बोआई का विवरण तैयार करने के निर्देश दिए।
इस बार मॉनसून सामान्य नहीं- सीएम
सीएम ने कहा, ”आमतौर पर, यूपी में मॉनसून का मौसम 15 जून से शुरू होता है और यह 15 सितंबर तक जारी रहता है। इस बार मॉनसून सामान्य नहीं है। हालांकि, प्राकृतिक जल का उपयोग करके सिंचाई के साथ-साथ नहरों और ट्यूबवेल का विस्तार करके सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाया गया है।” बयान के अनुसार साल 2022-23 के लिए खरीफ अभियान के तहत 13 जुलाई को 96.03 लाख हेक्टेयर में बुआई के लक्ष्य के मुकाबले एक अगस्त तक 81.49 लाख हेक्टेयर में बुआई की जा चुकी है, जो लक्ष्य का 84.8 प्रतिशत है।
Also Read: Indian Railway: भारतीय रेलवे ने आज 160 ट्रेनों को रद्द कर दिया है, यहां चेक करें लिस्ट
मुख्यमंत्री ने वर्षा मापन को भी महत्वपूर्ण बताया और कहा कि सरकार की कई नीतियां उसके आकलन पर निर्भर करती हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में तहसील स्तर पर वर्षा मापक यंत्र लगाए गये हैं और अब उन्हें विकासखंड स्तर पर भी लगाये जाने की जरूरत है।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो पर सकते हैं।