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CM Yogi Adityanath के नेतृत्व में प्राकृतिक खेती पर जोर! लखनऊ से उन्नाव, गोरखपुर तक मिट्टी संरक्षित करने की अपील; उपज को ऐसे मिलेगा बढ़ावा

CM Yogi Adityanath के नेतृत्व वाली सरकार यूपी में प्राकृतिक खेती पर जोर दे रही है। लखनऊ से लेकर उन्नाव, रायबरेली, गोरखपुर तक किसानों से अपील की जा रही है कि वे रसायनयुक्त खेती को छोड़ प्राकृतिक खेती पर जोर दें, ताकि अधिक उपज हो सके।

CM Yogi Adityanath
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

CM Yogi Adityanath: किसानों को सशक्त करने की दिशा में योगी सरकार खूब प्रयास कर रही है। कृषि यंत्र हों या खाद, बीज समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं। योगी सरकार किसानों को इनकी खरीद पर अनुदान मुहैया करा रही है। इससे इतर सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार प्राकृतिक खेती पर भी जोर दे रही है, ताकि लोगों तक रसायनमुक्त अनाज पहुंचे। इसी क्रम में लखनऊ से लेकर गोरखपुर, बस्ती, देवरिया, उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी समेत अन्य तमाम जिलों के किसानों से मिट्टी संरक्षित करने की अपील की जा रही है। कृषि विभाग का दावा है कि यदि किसान प्राकृतिक खेती को अपनाते हैं, तो फसलों की उपज बढ़ेगी जिससे किसान सशक्त होकर खुशहाली के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकेंगे।

यूपी में प्राकृतिक खेती पर जोर दे रही CM Yogi Adityanath की सरकार!

योगी सरकार सूबे में प्राकृतिक खेती पर जोर दे रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही लगातार विभिन्न राज्यों का दौरा कर किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील कर रहे हैं। कृषि विभाग का तर्क है कि सभी किसान रसायनयुक्त कृषि छोड़ प्राकृतिक तौर-तरीकों के साथ खेती अपनाएं। इससे लोगों तक शुद्ध अनाज पहुंचेगा जो तमाम तरह की बीमारियों पर लगाम लगाने में कारगर साबित होगा। इसके अलावा मिट्टी स्वस्थ्य रहेगी जो पैदावार बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हुए किसानों को सशक्त करने का काम करेगी। यही वजह है कि योगी सरकार गोरखपुर से लेकर बलिया, वाराणसी, लखनऊ, चंदौली, उन्नाव, रायबरेली समेत अन्य तमाम जिलों के किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील कर रही है।

फसलों की उपज को कैसे मिलेगा बढ़ावा?

सामान्यत: बात करें तो प्राकृतिक खेती अपनाने से मिट्टी स्वस्थ्य व रसायनमुक्त रहेगी। इससे मिट्टी में जल धारण क्षमता और सूक्ष्म पोषक तत्व बढ़ने के साथ सूक्ष्मजीवों को भी बढ़ावा मिलेगा। ऐसी स्थिति में फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों और बीमारियों को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही मिट्टी में जीवास्म बढ़ेंगे जो उच्च गुणवत्ता वाली बीज के फलने-फूलने में सहायक होंगे। इसका सीधा असर फसल के पैदावर पर पड़ेगा। प्राकृतिक ढ़ंग से खेती करने पर किसानों के हिस्से अच्छी उपज आएगी जिसकी मदद से वो खुद को सशक्त बना सकते हैं और खुशहाली के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

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