CM Yogi Adityanath: एक दौर था जब भारत को आजादी दिलाने के लिए हजारों की संख्या में युवा आजाद हिंद फौज से जुड़े थे। उस फौज की स्थापना नेता सुभाष चंद्र बोस द्वारा 1942 में आज ही के दिन की गई थी। सिंगापुर में आजाद हिंद फौज का गठन करने वाले सुभाष चंद्र बोस के साथ आज स्मृतियों में देश के वो तमाम वीर सपूत हैं जिन्होंने आईएनए से जुड़कर अपने प्राणों की आहुति दी थी। ऐसे हजारों वीर सपूतों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धा-सुमन अर्पित किया है। मुख्यमंत्री योगी ने आज 21 अक्टूबर को आजाद हिंद फौज स्थापना दिवस के अवसर पर स्वतंत्र भारत के स्वर को समूचे विश्व में गूंजित करने वाले वीर सपूतों को नमन किया है।
आजाद हिंद फौज के स्थापना दिवस पर CM Yogi Adityanath की प्रतिक्रिया!
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज 21 अक्टूबर को देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले वीर सपूतों को नमन किया है।
आजाद हिंद फौज के स्थापना दिवस पर सीएम योगी के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “भारतीय स्वाधीनता संग्राम की हुंकार, राष्ट्रनिष्ठा की ज्वाला, आजाद हिन्द फौज के स्थापना दिवस पर माँ भारती के वीर सपूतों को शत-शत नमन! यह दिवस केवल एक संगठन के जन्म का स्मरण नहीं, बल्कि उस ज्वाला का स्मरण है, जिसने राष्ट्र-आराधना को रण-आह्वान बनाया, परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़ने का साहस दिया और स्वतंत्र भारत के स्वर को समूचे विश्व में गूंजित किया। जय हिन्द!”
ब्रिटिश हुकूमत को नाकों चने चबवाने वाले आईएनए की कहानी!
देश को ब्रिटिश हुकूमत से आजाद कराने के लिए आजाद हिंद फौज यानी आईएनए ने खूब लड़ाई लड़ी थी। 1942 में स्थापित हुए आजाद हिंद फौज से जुड़े जवानों ने अंग्रेजी हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। आईएनए ने ये साबित किया था कि भारतीय लोग अपनी ताकत और संगठन से आज़ादी हासिल कर सकते हैं। यही वजह है कि आज भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनकी फौज को देशभक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है।
मुल्क को आजाद कराने के लिए 1942 में गठित की गई आईएनए में लगभग 85000 सैनिक शामिल थे। इसमें महिलाएं भी थीं जिनके लिए ‘झांसी की रानी रेजिमेन्ट’ नाम की यूनिट बनाई गई थी। आजाद हिंद फौज से जुड़े सभी जांबाज सौनिकों ने अंतिम सांस तक अंग्रेजी हुकूमत की नाक में दम करने और उन्हें नाकों चने चबाने के लिए मजबूर करते हुए देश की आजादी में अहम योगदान निभाया था।