Kavinder Gupta: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के दो प्रमुख राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश के लिए नए राज्यपाल और उपराज्यपाल की नियुक्ति की घोषणा की है। इनमें प्रोफेसर असीम कुमार घोष को हरियाणा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वहीं, पुसापति अशोक गजपति राजू को गोवा का नया राज्यपाल बनाया गया है। इसके अलावा, भाजपा से जुड़े प्रसिद्ध नेता कविंदर गुप्ता को Ladakh का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। इसे लेकर काफी चर्चा हो रही है। आइए जानते हैं कि Kaun Hai Kavinder Gupta? उनका राजनीतिक ग्राफ कैसा रहा है? अब अपनी नई भूमिका में वह लद्दाख के लिए कितने उपयुक्त साबित हो सकते हैं। इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए इस पेज को स्क्रॉल किए बिना इस लेख को अंत तक पढ़ें।
लद्दाख के LG बनाए गए Kavinder Gupta कौन हैं?
मालूम हो कि कविंदर गुप्ता जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक जाना पहचाना नाम हैं। उनकी आवाज दिल्ली तक सुनाई देती रही है। हालांकि वह भाजपा के कद्दावर नेता रहे हैं। लेकिन इससे भी ज्यादा उनकी चर्चा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव को लेकर होती रही है। कहा जाता है कि आरएसएस से उनके पुराने संबंध रहे हैं। जिसकी जानकारी अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट में दी जा चुकी है। कविंदर गुप्ता अपने विचारों और मिलनसार व्यवहार के लिए जम्मू-कश्मीर से लेकर पूरे देश में प्रसिद्ध रहे हैं।
दुनिया उनके आगामी कार्यकाल का बड़ी उम्मीदों से इंतजार कर रही है। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत को लेकर कई किस्से बताए जाते हैं। लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जब देश में आपातकाल लगा था तो उन्होंने 13 महीने जेल में भी बिताए थे। कविंदर गुप्ता मात्र 13 साल की उम्र में आरएसएस में शामिल हो गए थे। उन्हें सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर डॉ. बीडी मिश्रा की जगह लद्दाख का एलजी नियुक्त किया गया है। वे 1978 से 1979 तक विश्व हिंदू परिषद पंजाब के सचिव रहे। पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा ने उनके अब तक के राजनीतिक जीवन की सफलता में बड़ी भूमिका निभाई है। Kavinder Gupta लगातार तीन बार जम्मू के मेयर भी रह चुके हैं। वह 2005 से 2010 का दौर था जब उन्होंने जम्मू के मेयर के तौर पर सुर्खियां बटोरी थीं।
कविंदर गुप्ता को बेहतरीन काम का मिला इनाम
आपको बता दें कि कविंदर गुप्ता ने Jammu and Kashmir भाजपा के महासचिव पद पर रहते हुए शानदार काम किया। इतना ही नहीं, उन्होंने विधानसभा चुनाव में जीत का परचम लहराकर पार्टी को मजबूती भी दी। वह 2014 में पहली बार विधायक बने। तब से लेकर अब तक वह भाजपा के साथ मिलकर बेहतरीन काम करने के साथ-साथ पार्टी की विचारधारा को देशभर में फैलाने के लिए एक सेवक की भूमिका में लगे रहे। जिसकी झलक उनके राजनीति और सामाजिक जीवन में साफ दिखाई देती रही है।
इसके अलावा जानकारी हो कि जब जम्मू-कश्मीर में BJP और पीडीपी की सरकारें थीं, तब कविंदर गुप्ता को सर्वसम्मति से विधानसभा स्पीकर बनाया गया था। वें 19 मार्च 2015 को विधानसभा स्पीकर चुने गए थे। 30 अप्रैल 2018 को जब मंत्रिमंडल में फेरबदल हुआ, तो कविंदर गुप्ता जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री चुने गए।
कविंदर गुप्ता को भाजपा के निर्मल कुमार सिंह की जगह Jammu and Kashmir का उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। हालाँकि, भाजपा द्वारा पीडीपी सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद, उन्हें मात्र 51 दिनों के बाद ही उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कविंदर गुप्ता के निजी जीवन पर नज़र डालें तो उनके तीन बच्चे हैं। दो बेटियाँ और एक बेटा। हालाँकि, अब कविंदर गुप्ता को एक बड़ी ज़िम्मेदारी दी गई है। उन्हें LG Ladakh के रूप में बेहतरीन काम करना होगा। लद्दाख और देश की जनता उनसे यही उम्मीद कर रही है।