उत्तर प्रदेश पुलिस भले ही सुरक्षा के लाख दावे कर ले लेकिन यह दावे खोखले साबित होते जा रहे हैं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पुलिस की निगरानी में रहने के बावजूद भी लोग सुरक्षित नहीं है। उत्तर प्रदेश के कासगंज की सदर कोतवाली की हालत निबंध एक युवक की संदिग्ध मौत हो गई। जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
मृतक युवक की पहचान सदर कोतवाली क्षेत्र के नगला सैयद एरोली निवासी अल्ताफ के तौर पर हुई है जो घरों में पेंटिंग और टाइल्स की दुकान पर मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था।
पुलिस का कहना है कि 22 साल के लड़के मृतक अल्ताफ को पुलिस लड़की भगाने के मामले में पूछताछ करने के लिए थाना लाया गया था इस मामले में कासगंज एसपी रोहन प्रसाद ने बताया कि हवालात में बंद आरोपी टॉयलेट गया था। जब बहुत देर तक बाहर नहीं निकला तो देखा कि उसने अपनी जैकेट के हुड के नाड़े से फांसी लगा ली है।आनन-फानन में उसे कासगंज जिला अस्पताल ले जाया गया जहां 20 मिनट बाद उसने दम तोड़ दिया।
जानकारी के मुताबिक पेंटिंग के दौरान गांव की ही एक नाबालिग किशोरी से अल्ताफ की मुलाकात हुई थी फिर दोनों रोज मिलने लगे और अचानक लड़की घर से भाग गई लड़की के पिता ने कासगंज कोतवाली में दर्ज कराई गई फायर में बताया की अल्ताफ ने अपने किसी दोस्त के साथ उसे दिल्ली भेज दिया। उनकी लड़की अपने साथ स्कूल के सर्टिफिकेट भी ले गई। उन्होंने अपने आसपास अपनी बेटी को खूब ढूंढा, लेकिन कहीं नहीं मिली। शिकायत के बाद पुलिस ने अल्ताफ को थाने में बुलाया। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फांसी दर्ज की गई है. शरीर पर कोई भी चोट के निशान नहीं पाए गए हैं।
इधर इस मामले को लेकर सिसायत पर भी शुरु हो गई है। इस केस पर नेताओं के बयान भी आने लगे हैं। सहारनपुर के लोकसभा सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने पुलिस कस्टडी में अल्ताफ की मौत पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पुलिस की थ्योरी पर यकीन करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है।
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