HECI Bill: भारतीय शिक्षा जगत में व्यापक सुधार के लिए केन्द्र सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हेसी यानी हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल को मंजूरी दी है। ये खास बिल देश में संचालित हो रहे विभिन्न हायर एजुकेशन बॉडीज को एक सिंगल एंटिटी से बदलने का काम करेगा। हालांकि, ये स्पष्ट है कि मेडिकल और लॉ कॉलेज HECI बिल के दायरे में नही आएंगे। केन्द्र की इस खास पहल के बाद नया बिल यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC), ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) और नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) की जगह लेगा। इससे शिक्षा जगत में व्यापक बदलाव आने के आसार हैं जिससे छात्रों के समक्ष अवसरों के द्वार खुलेंगे।
UGC, AICTE और NCTE की जगह लेगा सिंगल रेगुलेटर HECI Bill
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की ओर से जिस नए बिल को मंजूरी मिली है वो यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन, ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन और नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन की जगह लेगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में इस बिल का प्रस्ताव रखा गया था जिसे अब मंजूरी दे दी गई है। इससे नॉन-टेक्निकल हायर एजुकेशन, टेक्निकल एजुकेशन और टीचर्स एजुकेशन सभी के लिए सिंगल रेगुलेटर काम करेगा। इस नए कानून को विकसित भारत शिक्षा अधिक्षण बिल नाम दिया गया है। अब इस नए बदलाव के तहत आयोग उच्च शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों को एकल नीति के तहत नियंत्रित करेगा। अब आयोग को रेगुलेशन, एक्रेडिटेशन और प्रोफेशनी स्टैंडर्ड तय करना है।
नए बिल के दायरे में नही आएंगे मेडिकल और लॉ कॉलेज!
बदलाव के मुताबिक नए बिल के दायरे में मेडिकल और लॉ कॉलेज नहीं आएंगे। हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल प्रमुख रूप से विनियमन, मान्यता और व्यावसायिक मानक निर्धारण की जिम्मेदारी निभाएग। इसके अलावा नए बिल के तहत वित्त पोषण की देख-रेख भी की जाएगी। शिक्षा मंत्रालय की कोशिश है कि भारत में शिक्षा जगत की तस्वीर बदल छात्रों के लिए सुविधाओं का और विस्तार किया जाए, ताकि उनके समक्ष अवसरों के द्वार खुलें। इसी क्रम में नए HECI बिल को मंजूरी दी गई है।
