Panchayat Season 4 Review: पंचायत सीजन 4 जिसके लिए लोग इंतजार कर रहे थे वह आखिरकार रिलीज हो गई लेकिन इस सीजन क्या कुछ रहा खास और क्यों लोगों को बोरिंग लगी है। आईए जानते हैं इस सब को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के रिएक्शन क्या कह रहे हैं। जहां तक इस सीरीज की बात करें तो ग्राम Panchayat Election के इर्द गिर्द घूमती है जहां प्रधान और भूषण यानी बनराकस एक दूसरे पर हावी होने के लिए जी जान से लड़ रहे हैं। वहीं सचिव जी यानी अभिषेक कुमार की प्रेम कहानी क्या आगे बढ़ेगी और क्या उनका कैट क्लियर हो पाएगा इस सब को लेकर आइए जानते हैं Panchayat Season 4 Review डिटेल्स में।
इन एपिसोड्स से धमाकेदार है पंचायत सीजन 4 और चुनाव की कहानी
जहां तक बात करें Panchayat Season 4 Review की तो इसमें 8 एपिसोड जारी किए गए हैं। पहला एपिसोड केस मुकदमा है तो दूसरा जख्म, तीसरा वचन तो चौथा शक्ति प्रदर्शन है। 5वां एपिसोड आशीर्वाद है तो छठा संजीवनी। सातवां ड्रामेबाज तो आठवां दबदबा है। आठ एपिसोड जारी करने के साथ ही पंचायत सीजन 4 सोशल मीडिया पर ट्रेंड में है। Panchayat Season 4 की कहानी को कुछ लोग बोरिंग बता रहे हैं और उनका कहना है कि यह थोड़ी स्लो है लेकिन ट्विस्ट भरपूर दिखाया गया है। वहीं इस बार सचिव जी CAT भी क्लियर कर चुके है। इसे जानने के लिए आपको अंत तक सीरिज स्ट्रीम करनी पड़ेगी।
Panchayat Season 4 Review में जाने क्यों लोग हुए नाराज
पंचायत सीजन 4 रिव्यू को लेकर अगर यूजर्स के रिएक्शन की बात करें तो लोग इस बारे में कई खुलासे करते हुए नजर आए हैं। एक यूजर ने लिखा बनराकस और क्रांति देवी को पंचायत चुनाव जीतने की हार्दिक बधाई रिंकिया के पापा के लिए दुखी। जहां एक यूजर ने x पर लिखा कि पंचायत का सीजन 4 आ चुका है। प्रधानमंत्री मंजू देवी चुनाव हार चुकी हैं प्रधान जी पर गोली सांसद ने चलाई थी। प्रहलाद चा को विधायकी की सीट मिल चुका है। सबसे महत्वपूर्ण रिंकी और सचिन जी का मिलन हो चुका है। एक यूजर का कहना है कि Panchayat Season 4 उसे कदर प्रभाव नहीं छोड़ पाई, एक्टिंग स्क्रीन प्ले और निर्देशन में बदलाव के साथ पहले के सीजन की सादगी भी गायब है।
हालांकि कुछ लोग इस बात से दुखी हैं कि मंजू देवी इस चुनाव को हार गई हैं लेकिन पूरी कहानी जानने के लिए आपको इस सीजन को स्ट्रीम करने की जरूरत है।