Booster Dose: देश और दुनिया में पिछले 2 सालों से भी ज्यादा समय से कोरोना वायरस लोगों की जान ले रहा है। कोरोना की हर लहर लोगों पर भारी पड़ रही है। इस बीच कई देशों की तरह कोरोना की बूस्टर डोज को लेकर चर्चा हो रही है। इसके साथ ही कई सारे ऐसे बिन्दु भी हैं। जिनको लेकर लोगों की राय बंटी हुई हैं।NTAGI के एक्सपर्ट्स ने कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे पुर जानकारी देते हुए बताया कि वैज्ञानिक प्रमाणों से पता चला है कि कोवैक्सिन के प्राथमिक टीकाकरण के बाद बूस्टर खुराक के तौर पर कोविशील्ड का टीका लगवाने से 6 से 10 गुना ज्यादा एंटीबॉडी बनती हैं। वहीं, कोविशील्ड के दो टीके लगवाने के बाद बूस्टर खुराक के तौर पर कोवैक्सीन का टीका लगवाने पर ऐसा फायदा नहीं दिखा है। इसको लेकर अभी जांच पड़ताल चल रही है। फिलहाल, देश में कोविड रोधी टीकों के मिश्रण की अनुमति नहीं है जिसका मतलब है कि व्यक्ति को एहतियाती खुराक भी उसी कंपनी के टीके की लगवानी होगी जिसके उसने पहले दो टीके लगवाए हैं।
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इस मामले पर तेजी दिखाते हुए बायोलोजिकल ई ने भारत के औषधि नियंत्रक को एक आवेदन देकर अपने कोविड रोधी टीके ‘कोरबेवैक्स’ का उन लोगों पर आपात स्थिति में बूस्टर खुराक के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी है जिनका कोवीशील्ड या कोवैक्सीन से पूर्ण टीकाकरण हो चुका है. कंपनी के आवेदन के मुताबिक, उसने तीसरे चरण के क्लिनिकल अध्ययन के आधार पर यह अनुमति मांगी है। वहीं, दूसरी तरफ केंद्र सरकार विदेश जाने वालों के लिए दूसरे डोस और बूस्टर डोज के बीच अंतर की अवधि नौ महीने से कम कर 90 दिन तक करने को तैयार हो गई है। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। कोरोना बूस्टर को लेकर जैसा भी कदम केन्द्र सरकार उठाती है। डीएनपी इंडिया उस हर जानकारी को आप तक पहुंचाता रहेगा।
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