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DMD Disease से तंग होकर BJP नेता के पूरे परिवार ने की खुदकुशी, जानें ये बीमारी कितनी है खतरनाक

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DMD Disease: डचेन मस्कुलर डिस्ट्राफी (डीएमडी) एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है। बता दें, ये बीमारी मध्यप्रदेश के विदिशा में बीजेपी नेता संजीव मिश्रा के बेटे को हुआ था, जिसके कारण खुद बीजेपी नेता संजीव और उनके पूरे परिवार यानी दोनों बेटे और पत्नी ने खुदकुशी कर ली। संजीव मिश्रा ने इस बीमारी के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और उसमे लिखा है कि भगवान किसी को भी डचेन मस्कुलर डिस्ट्राफी (डीएमडी) बीमारी न दें।

आपको बता दें, इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। इसलिए आज इस आर्टिकल में इस बीमारी के गंभीरता के विषय में जानेंगे। तो आइए जानते हैं।

जेनेटिक डिसऑर्डर है ये डिजीज

डचेन मस्कुलर डिस्ट्राफी ये एक काफी खतरनाक बीमारी है। इससे शरीर में डायस्ट्रोफिन नामक प्रोटीन कम होने लगता है। बता दें, ये डिजीज जेनेटिक डिसऑर्डर भी है। अगर ये बीमारी परिवार में किसी को है तो तीसरी पीढ़ी तक इस बीमारी का खतरा मंडराता रहता है।

इस बीमारी से व्यक्ति की हड्डियां और मांसपेशियां काफी कमजोरी हो जाती है। इतना ही नहीं, इस बीमारी का लक्षण बच्चों में 2 साल की उम्र से ही दिखने लग जाता है। इससे व्यक्ति को चलने-फिरने, उठने, दौड़ने और बैठने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इससे व्यक्ति कभी भी फिजिकल एक्टिविटी नहीं कर पाता है। बता दें, इस गंभीर बीमारी का कोई भी इलाज नहीं है। मगर कुछ लक्षणों को रोकने के लिए दवाई मौजूद है लेकिन वो काफी महंगी होती है, जिसके कारण उसे खरीद पाने सबके लिए मुमकिन नहीं है।

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पुरुषों में अधिक है इस बीमारी से खतरा

इस बीमारी का लक्षण बचपन से ही देखने को मिलता है। धीरे-धीरे इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। इस बीमारी के कारण बच्चे का विकास नहीं हो पाता है और उसकी स्थिति विकलांग जैसी हो जाती है।

मगर आपको बता दें, ये बीमारी होने की आशंका काफी कम है। 5000 बच्चों में से एक बच्चे में ये बीमारी होने का खतरा मंडराता है। मगर जिसे भी ये बीमारी होती है उसके लिए जीवन में आगे बढ़ना काफी मुश्किल हो जाता है। इस बीमारी का प्रभाव शरीर के अलग अलग अंगों पर पड़ने लगता है, जिससे व्यक्ति को अधिक परेशान होना पड़ता है।

बता दें, इस बीमारी पर कई सारे वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं और इलाज की खोज में लगे हुए हैं। मगर उन्हें किसी भी प्रकार की सफलता नहीं मिली है। मगर ऐसी बीमारी होने पर कभी भी घबराना नहीं चाहिए। धैर्य से काम लेकर लक्षणों का इलाज करवाना चाहिए। इससे इस बीमारी के गंभीरता को आसानी से कम किया जा सकता है।

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, DNP INDIA न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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