Homosexual Virus: अब मंकीपॉक्स को लेकर आम लोगों में एक बड़ी गलतफहमी देखने को मिली है। गलतफहमी है कि इसका खतरा सिर्फ समलैंगिक और बॉय सेक्शन लोगों को ही हो रहा हैं। मंकीपॉक्स के धीरे-धीरे पैर पसारने के बाद अब भारत में 9 मामले सामने आ चुके हैं। केरल में 22 साल के युवक की मौत मंकीपॉक्स वायरस के कारण हुई है। अब इस वायरस के बारे में सबसे बड़ी गलतफहमी को दूर करना सबसे ज्यादा जरूरी हैं।
लोगों में फैल रही गलतफहमी
गलतफहमी है कि मंकीपॉक्स का खतरा समलैंगिक पुरुषों को ही है और महिलाओं को संक्रमित होने का खतरा कम हैं। लेकिन मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी हैं जो किसी को भी हो सकती है। इस संक्रामक बीमारी का पुरुष या महिला से कोई फर्क नहीं होता। केरल में 22 साल के युवक की मौत के बाद दिल्ली में एक महिला मंकीपॉक्स से संक्रमित पाई गई। इस गलतफहमी के बाद लोगों के दिमाग में भ्रम पैदा हो गया है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ट्रेडोस ने कुछ दिन पहले कहा था कि मंकीपॉक्स का सबसे पहला मामला मई में सामने आया था।
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गलतफहमी को किया दूर
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 98% मामले गे, बाय सेक्सुअल और पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में पाए गए हैं। लेकिन दिल्ली में 31 साल की महिला मंकीपॉक्स से संक्रमित पाई गई। महिला के संक्रमित होने के बाद इस गलतफहमी को दूर किया गया है। महिला का केस सामने आने के बाद गलतफहमी दूर हो गई कि मंकीपॉक्स का खतरा सिर्फ समलैंगिक पुरुषों के साथ साथ सभी को है।
संक्रामक बीमारी के लक्षण
बता दें कि कोरोना के बाद मंकीपॉक्स भी संक्रामक बीमारी ही है जो संक्रमित व्यक्तियों से संपर्क में आने के कारण फैलता है। इसी वजह से विशेषज्ञों ने संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाने के निर्देश दिए हैं। विशेषज्ञों ने मंकीपॉक्स के सामान्य लक्षण के बारे में भी बताया है जिनके जरिए आप दूरी बना सकते हैं। जैसे बुखार आना, हथेलियों, पैरों और चेहरों पर चकत्ते पड़ जाना। इसके अलावा शरीर में गांठ होना। सिर दर्द, गले में खराश, खांसी, थकावट महसूस होना। ये सभी मंकीपॉक्स के सामान्य लक्षण है।
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