America India Military Exercise: इस यद्धाभ्यास का उद्देश्य भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और अंतर-संचालन को बढ़ाना है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में यह युद्धाभ्यास आयोजित किया रहा है।
उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में हिमालय की गोद में बसा औली स्नोस्कीइंग प्रेमियों के लिए प्रसिद्ध है। गढ़वाली भाषा में औली को बुग्याल (घास का मैदान) के नाम से जाना जाता है। यह समुद्र तल से 2500 मीटस से 3050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इतिहास में पहली बार औली की वादियों में भारत-अमेरिकी सैनिकों का युद्धाभ्यास किए जाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। सूत्रों की माने तो अक्टूबर माह में दोनों देशों के सैनिक युद्धाभ्यास का हिस्सा बनेंगे।
14 से 31 अक्टूबर तक उत्तराखंड के औली में चलेगा युद्धाभ्यास
रक्षा और सैन्य प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि उत्तराखंड के औली में 18 वां युद्धाभ्यास 14 से 31 अक्टूबर तक चलेगा। पिछला अभ्यास पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका के अलास्का में हुआ था। सूत्रों ने कहा कि इस यद्धाभ्यास का उद्देश्य भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और अंतर-संचालन को बढ़ाना है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में यह युद्धाभ्यास आयोजित किया रहा है। पिछले कुछ वर्षों से भारत-अमेरिका रक्षा संबंध प्रगाढ़ हो रहे हैं। जून, 2016 में अमेरिका ने भारत को एक बड़े रक्षा साझेदार घोषित किया था।
क्यों महत्वपूर्ण है भारत-अमेरिका का यह युद्धाभ्यास
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तराखंड के औली में आयोजित किया जा रहा भारत-अमेरिका की सेना के बीच का यह युद्धाभ्यास इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उत्तराखंड के बाराहोती क्षेत्र में पिछले साल सितंबर में चीन के सैनिक भारतीय सीमा में करीब 5 किमी तक अंदर घुस आए थे। हालांकि, कुछ ही घंटों में चीन के सैनिकों को वापस खदेड़ दिया गया था। बताया जाता है कि बाराहोती में एक ऐसा चारागाह है, जिसे लेकर दोनों देशों के बीच विवाद है। ये चारागाह 60 स्क्वॉयर किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन ने दी जवाबी कार्रवाई की धमकी
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइपे की सफल यात्रा के बाद चीन ने कहा कि वह ‘एक-चीन नीति का उल्लंघन करने को लेकर अमेरिका और ताइवान के खिलाफ कठोर एवं प्रभावी जवाबी कदम उठाएगा। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हम वही करेंगे, जो हमने कहा है। कृपया थोड़ा धैर्य रखें। चुनयिंग चीन की सहायक विदेश मंत्री भी हैं।
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