Ankita murder case: अंकिता भंडारी हत्याकांड की छानबीन को लेकर उत्तराखंड सरकार का कहना है कि ये सही दिशा की ओर बढ़ रही है। अगर हाईकोर्ट से सीबीआई की जांच का आदेश दिया जाता है तो सरकार उसका पालन करेगी। बता दें कि उत्तराखंड ऋषिकेश के निकट पौड़ी जिले की वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाले 19 वर्षीय अंकिता की रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने 2 कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर चीला नहर में धक्का देकर उसकी हत्या की थी। आरोप लगाया जा रहा है कि किसी भी वीआईपी को एक्स्ट्रा सर्विस देने से मना करने पर अंकिता की हत्या की गई।
हत्याकांड के मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री का जवाब
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहले कहा कि “अंकिता हत्याकांड में जिस बीआईपी का नाम बार-बार आ रहा है उसका खुलासा होना जरूरी है सरकार चाहे तो घटना की सीबीआई जांच भी कराई जा सकती है। अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सचिवालय की महिला कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। इसी बीच राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कल मंगलवार को विपक्ष द्वारा उठाए गए इस हत्याकांड के मुद्दे पर जवाब देते हुए प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कहा कि “इस हत्याकांड की विवेचना पुलिस की एसआईटी कर रही है और वह सही जांच कर रही है।”
केस सीबीआई को सौंपे जाने की मांग
कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि “मैं बताना चाहता हूं कि एसआईटी के पास अंकिता हत्याकांड के पर्याप्त साक्ष्य हैं और साक्ष्य नष्ट नहीं हुआ है। रिजॉर्ट के कर्मियों ने एसआईटी को बताया है कि रिजॉर्ट में ‘रेजिडेंशियल सूट’ को ही ‘वीआईपी सूट’ कहा जाता है। अगर हाईकोर्ट इस हत्याकांड की जांच के बारे में कोई आदेश देता है तो राज्य सरकार उस आदेश का पूरी तरह से अनुपालन करेगी।” बता दें कि इस हत्याकांड में जनाक्रोश के बाद सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन किया। लेकिन विपक्ष और अंकिता के माता-पिता सबूत नष्ट करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए।
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