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LG Saxena ने शक्तियों पर SC के आदेश को किया मानने से इनकार, बोले- CM Kejriwal

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CM Kejriwal on LG: दिल्ली के मुख्य्मंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारों तथा शक्तियों के विषय पर कल उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से बहुप्रतीक्षित भेंट के पश्चात एक पत्रकार वार्ता में एलजी पर बरस पड़े। 

शिक्षकों के विदेश प्रशिक्षण पर हुई बहस

केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के लिए दो बार भेजी गई एक प्रस्तावित फाइल को लागत-विश्लेषण का नोट लगाकर वापस भेज दिया गया, जिसमें पूछा गया कि क्या इस कार्यक्रम का लागत-लाभ विश्लेषण किया गया है। मैंने उनसे कहा कि एक सैनिक देश के लिए अपनी जान दे देता है किन्तु इसके बदले में उसे मात्र 50,000 से 60,000 रुपये का वेतन प्राप्त होता है। क्या हमने कभी एक सैनिक के दैनिक जीवन की लागत-लाभ विश्लेषण की है? हम अपने बच्चों के भविष्य को आकार दे रहे हैं। हम राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं। मैं अपना पूरा वेतन अपने बच्चों पर व्यय कर देता हूं। कुछ ऐसे उत्तरदायित्व होते हैं जिनके विश्लेषण नहीं हो सकते।

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स्थानांतरित विषयों पर भी चर्चा की

स्थानांतरित विषयों पर 2018 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए केजरीवाल ने कहा, एलजी के विभिन्न आदेश पूर्णतः अवैध हैं। इस पर एलजी ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि वह कोई भी फाइल कभी भी मांग सकते हैं क्योंकि वह ‘प्रशासक’ हैं।  सीएम ने कहा उन्हें मैंने विभिन्न न्यायिक निर्णय दिखाए किन्तु उन्होंने कहा कि उनकी शक्ति ही सर्वोच्च है। इसी बात पर बरसते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि  जब आप ही सर्वोच्च शक्ति हैं तो ‘ हम यहां किस लिए बैठे हैं ?’

केजरीवाल बोले- एलजी कहते हैं कि सारे काम मैं ही करूंगा। उच्चतम न्यायालय का आदेश तो सलाह मात्र है। वहीं दूसरी ओर एलजी कार्यालय ने प्रतियुत्तर देते हुए सीएम केजरीवाल के दावों को मनगढ़ंत भ्रामक बताया है।

उपराज्यपाल ने सरकार द्वारा मनोनीतों को हटाने के दिए निर्देश

एलजी सक्सेना ने बीएसईएस डिस्कॉम, बीआरपीएल और बीवाईपीएल के बोर्ड में दिल्ली सरकार द्वारा मनोनीत सदस्यों की नियुक्तियों को “घोर अवैध” बताकर हटाने के निर्देश दिए है। उपराज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इन उपरोक्त संस्थानों के बोर्डों में सरकारी कर्मचारियों के साथ निजी व्यक्तियों को मनोनीत किया है।  

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