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Joshimath Calamity: जोशीमठ में खतरे को लेकर धामी सरकार बड़ा एक्शन, सरकार ने लिया ये फैसला

मुख्यमंत्री के द्वारा शीर्ष अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई। इसमें मकानों में दरारें पड़ने से बेघर लोगों को तत्काल ठहरने के इंतजाम या छह महीने तक किराया मुहैया कराने का प्रदेश सरकार द्वारा निर्णय लिया गया।

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Joshimath Calamity: उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना से लोगों में दहशत है। सैकड़ों परिवार बेघर होने की स्थिति में है। लोग सरकार से शीर्घ समाधान की मांग कर रहे हैं। विरोध में करीब 400 दुकानें 2 दिनों तक बंद रही, तब जाकर सरकार की नींद खुली है। आनन-फानन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद कमान संभाल ली है। जोशीमठ भू-धंसाव के मामले की गंभीरता को समझते हुए मुख्यमंत्री के द्वारा शीर्ष अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई। इसमें मकानों में दरारें पड़ने से बेघर लोगों को तत्काल ठहरने के इंतजाम या छह महीने तक किराया मुहैया कराने का प्रदेश सरकार द्वारा निर्णय लिया गया।

जानकारों ने गिनाईं ये दो वजहें

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो जोशीमठ में जमीन धंसने से लगभग 561 घरों में दरारें आ चुकी हैं। इसको लेकर स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। मालूम हो कि प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने मामले की गंभीरता को समझते हुए डेंजर जोन में प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का निर्देश दिया है। वहीं जमीन धंसने को लेकर स्थानीय लोगों के बीच कई सवाल पनप रहे हैं। इनमें यह भी है कि आखिर जोशीमठ की नींव कमजोर होने के क्या कारण हो सकते हैं। जानकारों ने इसके पीछे की संभवत: दो वजहें बताई है। सबसे पहले एनटीपीसी की हाइडल प्रोजेक्ट की सुरंग और चारधाम ऑल-वेदर रोड निर्माण को इन हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। वहीं दूसरा तर्क ये दिया जा रहा है कि जोशीमठ का मोरेन पर बसा होना।

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रोपवे का काम बंद

बहरहाल, प्रदेश सरकार पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। मीडिया में आई खबरों की मानें तो अब तक केवल 77 परिवारों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया गया है। अब भी 400 से ज्यादा घरों के परिवारों को सरकार से मदद की उम्मीद है। आलम यह है कि मकानों की दीवारें टूट रही हैं, जमीन फट रही है, धरा के गर्त में समाते जा रहे हैं। वो सपने जो यहां रहने वाले लोगों ने अपने भविष्य के लिए देखे थे, अब तक 561 से ज्यादा घरों में भयावह दरारें पड़ चुकी हैं। मिली जानकारी के अनुसार, जमीन धंसने के बाद जोशीमठ में एशिया का सबसे लंबा रोपवे बंद करने का फैसला लिया गया है। मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार नजर बनाए हुए हैं।

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