Uttar Pradesh: केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के मदरसों में कक्षा एक से आठवीं तक के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति बंद कर दी है। सरकार का मानना है कि शिक्षा के अधिकार के तहत कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई मुफ्त हैं। इसके अलावा छात्रों को अन्य जरूरी वस्तुएं भी दी जाती है। केंद्र सरकार ने निर्देश जारी किया है कि अभी तक मदरसों में एक से पांच तक के बच्चों को 1000 रुपए तक की स्कॉलरशिप दी जाती थी। वहीं कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को अलग-अलग कोर्स के हिसाब से छात्रवृत्ति प्रदान की जाती थी।
8496 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त
बता दें कि अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदरसों के सर्वे कराए थे। इनमें 8496 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिलें। सर्वे के दौरान इन मदरसों की आय का स्त्रोत दान बताया गया है। ऐसे में अब यूपी सरकार मदरसों की आय के स्रोत की जांच करवाने की तैयारियों में लगी है। अब बताया जा रहा है कि पिछले साल राज्य के 16558 मदरसों में से 4 से 5 लाख बच्चों को छात्रवृत्ति मिली थी। और इस बार भी नवंबर में मदरसों के बच्चों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया लेकिन केंद्र सरकार ने अचानक छात्रवृत्ति बंद करने का फैसला लिया।
करीब 5 लाख बच्चों को छात्रवृत्ति का फायदा
केंद्र सरकार से पहले राज्य सरकार छात्रवृत्ति बंद कर चुकी है। पिछले साल करीब 5 लाख बच्चों को छात्रवृत्ति का फायदा मिला जिसमें 16,55 मदरसे शामिल थे। बता दें कि योगी आदित्यनाथ द्वारा कराए गए मदरसों के सर्वे में आय से आए हुए पैसे के बारे में बताया गया। ऐसे में अब उत्तर प्रदेश की सरकार मदरसों की फंडिंग को लेकर जांच करवाएगी। इसके अलावा मदरसों के सर्वे को लेकर कई मुस्लिम संस्थाओं ने भी विरोध किया है।
बता दें कि नेपाल से लगे बॉर्डर इलाकों में बड़ी संख्या में गैर मान्यता प्राप्त मदरसे है। इसमें सिद्धार्थनगर में 500, बलरामपुर में 400, श्री बस्ती में 400 और लखीमपुर में 200 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिलें। ऐसे में अब इन मदरसों के स्रोतों की जांच की जाएगी।
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