Uttarakhand: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चार धाम यात्रा को लेकर एक बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है। उत्तराखंड सरकार में पर्यटक मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि “इस समय विशेषज्ञों से बातचीत कर एक ऐसा नियम बनाने पर चर्चा की जा रही है जिससे कि एक व्यक्ति साल में एक ही बार चार धाम की यात्रा कर सकें। अब अगले साल की यात्रा शुरू होने से पहले इस पर फैसला लिया जाएगा।” बता दें कि उत्तराखंड में की जाने वाली चार धाम यात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है और यहां दर्शन करने के बाद भक्त गंगोत्री जाते हैं। फिर बद्रीनाथ और केदारनाथ के लिए रवाना होते हैं। यह चारों धाम बहुत ही पवित्र है।
मोक्ष का द्वार मानी जाती चार धाम यात्रा
बता दें कि सनातन धर्म में आस्था रखने वाले हर व्यक्ति अपने जीवन में चार धाम तीर्थ के दर्शन जरूर करना पड़ता है। लेकिन अगले साल शुरू होने वाली यात्रा में ऐसा नियम बनाने पर फैसला किया जा रहा है कि व्यक्ति साल में एक ही बार यात्रा कर सकें। हिंदू धर्म के इन धामों को मोक्ष का द्वार बताया गया है। जबकि बड़ी चार धाम यात्रा उत्तराखंड में भगवान बद्रीनाथ के दर्शन से शुरू होकर गुजरात के द्वारका, उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी और तमिलनाडु के रामेश्वर तीर्थ के दर्शनों के साथ संपन्न होती है। इस साल 50 लाख से भी अधिक संख्या में यात्री चार धाम यात्रा पर पहुंचे थे। इतनी बड़ी संख्या में जातियों के पहुंचने से एक रिकॉर्ड भी बना है।
19 नवंबर को बंद हुए बद्रीनाथ के कपाट
चार धाम यात्रा पर बड़ी संख्या में यात्रियों के आने से जाम जैसे हालातों से जूझना पड़ा। वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से इस स्थिति को सही नहीं माना गया। बता दें कि 19 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद किए गए थे। अब 6 महीने बाद ही चार धाम यात्रा की शुरुआत होगी। अब सरकार द्वारा इस यात्रा के लिए नियम बनाया जा रहा है क्योंकि ज्यादा भीड़ के चलते तीर्थ स्थलों की इकोलॉजी को नुकसान पहुंचता है। अब चार धाम की यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों का आधार कार्ड के जरिए रिकॉर्ड भी रखा जाएगा।
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