Uttarakhand: त्रिवेंद्र रावत मामले में धामी सरकार का यू टर्न, अब SC से एसएलपी नहीं लेंगे वापस

Uttarakhand: उत्तराखंड से बड़ी ख़बर सामने आई है। उत्तराखंड सरकार बनाम उमेश शर्मा मामले में धामी सरकार अब बैकफुट पर दिख रही है। जानकारी के मुताबिक, सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी यानी विशेष अनुमति याचिका को वापस लेने के फैसला को रद्द कर दिया है। बताया जा रहा है कि इसके बाद उसने खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा के विरुद्ध एसएलपी को यथावत रखने के मूड में है। ऐसे में चर्चाओं का बाजार गर्म होता जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र के दबाव में पुष्कर धामी की नेतृत्व वाली उत्तराखंड सरकार ने ये फैसला लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत इन दिनों दिल्ली में हैं। गौरतलब है कि इस मामले में हाईकोर्ट ने उमेश कुमार की याचिका में की गई शिकायतों के आधार पर राजद्रोह के मुकदमे को रद्द कर दिया था। इस फैसले के विरोध में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। इसमें सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मांग की थी कि राजद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। इस सबके बीच आ रही ख़बर की मानें तो अब सरकार ने इस एसएलपी को वापस लेने की अर्जी दाखिल की है। इससे राजद्रोह के मामले में उमेश कुमार को बड़ी राहत मिल सकती है।

गृह विभाग ने राज्य सरकार के वकील को लिखा पत्र

वहीं सूत्रों की मानें तो शनिवार को उत्तराखंड के गृह विभाग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की वकील वंशजा शुक्ला को पत्र भेजा गया था। दावा किया जा रहा है कि पत्र में सरकार की ओर से कहा गया है कि 26 सितंबर 2022 को एसएलपी वापसी के बाबत सुप्रीम कोर्ट में दी गई अर्जी को राज्य सरकार ने जनहित में निरस्त करने का फैसला किया है। मालूम हो कि इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी वापस लेने की अर्जी दी थी। जानकारी के लिए बता दें कि यह एसएलपी 27 अक्टूबर 2020 को नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की जाने की बातें सामने आई थी।

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हाई कोर्ट ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के दिए थे आदेश

इस मामले में पूर्व में उत्तराखंड हाई कोर्ट का फैसला आ चुका है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ गंभीर आरोपों को देखते हुए हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था। कोर्ट ने रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। जानकारी के मुताबिक कोर्ट के द्वारा जारी किए गए यह आदेश उमेश शर्मा व अन्य के खिलाफ दर्ज राजद्रोह मामले में सुनवाई के बाद दिया था। इसके अलावा कोर्ट ने खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा के खिलाफ चल रहे राजद्रोह के मामले को रद्द कर दिया था।

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